कैंसर की गांठ शरीर में कहां-कहां हो सकती है, एक्सपर्ट से जानें कितनी बड़ी होती है और कैसे करें पहचान?
लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: शरीर में अचानक अगर कोई उभरी हुई गांठ दिखती है तो लोगों के मन में सबसे पहला यह सवाल आता है कहीं यह कैंसर तो नहीं? सच यह है कि कैंसर की गांठें शरीर के कई हिस्सों में बन सकती हैं, लेकिन हर गांठ कैंसर नहीं होती। आर्ट ऑफ हीलिंग कैंसर में ऑन्कोलॉजिस्ट, डॉ. मंदीप सिंह से जानते हैं कि कैंसर की गांठें कैसी दिखती हैं, कैसी महसूस होती हैं, कितनी बड़ी हो सकती हैं और आखिर किन संकेतों के आधार पर उन्हें पहचानना चाहिए?
किसी भी हिस्से में हो सकती है कैंसर की गांठ
कैंसर की गांठ शरीर के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकती है, क्योंकि कैंसर कोशिकाओं का अनियंत्रित बढ़ना किसी भी ऊतक या अंग को प्रभावित कर सकता है। यह गांठें स्तन, फेफड़े, लिवर, थायरॉयड, लिम्फ नोड्स, त्वचा, टेस्टिकल, ओवरी, आंत, हड्डियों और यहां तक कि ब्रेन जैसे अंगों में भी बन सकती हैं। अलग-अलग जगह बनने वाली गांठों के लक्षण और उनकी प्रकृति भी भिन्न होती है। उदाहरण के लिए, स्तन कैंसर की गांठ आमतौर पर सख्त और बिना दर्द की होती है, जबकि लिम्फ नोड्स में सूजन संक्रमण के कारण भी हो सकती है, लेकिन यदि यह लंबे समय तक बनी रहे तो कैंसर का संकेत हो सकती है
हमेशा एक जैसा नहीं होता आकार
कैंसर की गांठ का आकार हमेशा एक जैसा नहीं होता। यह शुरुआत में मटर के दाने जितनी छोटी हो सकती है, लेकिन समय के साथ बढ़कर नींबू या उससे भी बड़े आकार की हो सकती है। कुछ कैंसर, जैसे पैनक्रियाज या फेफड़ों के कैंसर में, शुरुआती अवस्था में ट्यूमर का आकार छोटा होते हुए भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि वे अंदरूनी अंगों में बिना लक्षणों के बढ़ते रहते हैं। दूसरी ओर, त्वचा या थायरॉयड पर बने नोड्यूल अक्सर जल्दी दिखाई दे जाते हैं, जिससे समय पर पहचान संभव होती है।
कैंसर की गांठ की कैसे करें पहचान?
कैंसर की गांठ की पहचान करने के लिए शरीर में होने वाले बदलावों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। यदि किसी स्थान पर सख्त गांठ धीरे-धीरे बढ़ रही हो, दबाने पर दर्द न होता हो, त्वचा का रंग बदल रहा हो या आसपास की त्वचा में खिंचाव महसूस हो, तो यह चेतावनी हो सकती है। इसके अलावा अनचाही वजन कमी, लगातार थकान, भूख न लगना, लंबे समय तक खांसी, मल-मूत्र में बदलाव या अनियमित रक्तस्राव जैसे लक्षण भी शरीर में किसी गांठ की ओर संकेत कर सकते हैं। स्तन या अंडकोष में स्वयं जांच करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे शुरुआती लक्षण जल्दी पकड़े जा सकते हैं।
