फेफड़ों के कैंसर में खांसी सूखी होती है या गीली? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण

0
mixcollage-19-nov-2025-10-33-pm-3534-1763571823

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: फेफड़ों का कैंसर अक्सर ऐसे लक्षणों के साथ सामने आता है जिन्हें लोग सामान्य सर्दी, वायरल खांसी या पुरानी एलर्जी समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इनमें सबसे आम और सबसे पहले डिकाही देने वाला लक्षण खांसी का लगातार आना है। लेकिन यह खांसी कैसी होती है सूखी या गीली? यह सवाल रोगियों में बहुत भ्रम पैदा करता है। ऐसे में एक्सपर्ट से जानते हैं कि फेफड़ों के कैंसर में खांसी सूखी होती है या गीली?

फेफड़ों के कैंसर में खांसी सूखी होती है
पीएसआरआई अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार पल्मोनोलॉजी क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन, डॉ. नीतू जैन कहती हैं कि फेफड़ों के कैंसर में खांसी आमतौर पर सूखी होती है। यह खांसी लगातार बनी रहती है, समय के साथ बढ़ सकती है और सामान्य घरेलू उपायों से ठीक नहीं होती। इसका कारण यह है कि कैंसर फेफड़ों के ऊतकों पर दबाव डालता है, एयरवे को irritate करता है और इससे सूखी, लगातार और परेशान करने वाली खांसी होती है।

हालाँकि, हर मरीज में स्थिति एक जैसी नहीं होती। कई बार कैंसर फेफड़ों में बलगम पैदा करने वाले हिस्सों पर असर डालता है या किसी सेकेंडरी इन्फेक्शन (जैसे न्यूमोनिया) के साथ जुड़ जाता है। ऐसे मामलों में खांसी गीली भी हो सकती है। यदि बलगम में खून दिखाई दे, चाहे वह हल्की धार के रूप में हो या स्ट्रिक्ड ब्लड के रूप में, तो यह एक गंभीर संकेत है और तुरंत जांच कराना आवश्यक होता है।

लंबे समय खांसी में दिखते हैं ये लक्षण
इसके साथ ही, फेफड़ों के कैंसर में लंबे समय तक चलने वाली खांसी के साथ अक्सर निम्न लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं

सांस फूलना
सीने में दर्द
आवाज़ में भारीपन
वजन कम होना
बार-बार होने वाले श्वसन संक्रमण

विशेषज्ञ बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति में खांसी 3 सप्ताह से अधिक बनी रहती है, खासकर अगर वह धूम्रपान करता है या प्रदूषण/केमिकल्स के संपर्क में रहता है, तो तुरंत छाती का एक्स-रे, सीटी स्कैन और पल्मोनरी मूल्यांकन करवाना चाहिए। समय पर पहचान उपचार में बड़ा फर्क ला सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *