दूरसंचार तकनीकों पर संयुक्त रिसर्च के लिए टीईसी और आईआईआईटी-दिल्ली के बीच समझौता

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: देश में उभरती दूरसंचार तकनीकों पर रिसर्च और नए स्टैंडर्ड व टेस्ट फ्रेमवर्क विकसित करने के लिए टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (टीईसी) और इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईआईटी-दिल्ली) ने बुधवार को समझौता किया। समझौते का उद्देश्य 6जी, ऑप्टिकल कम्युनिकेशन, नॉन-टेरिस्ट्रियल नेटवर्क जैसी भविष्य की तकनीकों पर अध्ययन को बढ़ावा देना और अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण मंचों पर भारत की भागीदारी मजबूत करना है।
केंद्रीय संचार मंत्रालय के अनुसार, समझौते पर टीईसी के डीडीजी फिक्स्ड एक्सेस राकेश देसाई और आईआईआईटी-दिल्ली के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिजीत मित्रा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर आईआईआईटी-दिल्ली के निदेशक प्रो. रंजन बोस, टीईसी के डीडीजी एडमिन पवन गुप्ता और प्रो. विवेक अशोक बोहारा भी मौजूद थे।
दोनों संस्थान अब एआई आधारित नेटवर्क सुधार, खराबी पहचान, ट्रैफिक प्रबंधन और नेटवर्क में नियम लागू करने जैसे क्षेत्रों पर मिलकर काम करेंगे। इसके अलावा 5जी और 6जी तकनीक, मिमी वेव, एम माइमो और अलग-अलग नेटवर्क पर रिसर्च को आगे बढ़ाया जाएगा। फ्री स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन और लाई-फाई तकनीकों पर भी संयुक्त अध्ययन होगा, जिससे गांवों और रक्षा क्षेत्रों में तेज और सुरक्षित कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जा सके। यह समझौता देश में स्वदेशी दूरसंचार तकनीकों के विकास को बढ़ावा देगा, भारत की वैश्विक मानकीकरण प्रक्रियाओं में भूमिका मजबूत करेगा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

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