फोस्टर का वास्तविक अर्थ है श्रीकृष्ण की यशोदा मैया बनना : डॉ. वर्णिका शर्मा

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रायपुर{ गहरी खोज } : महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से “उमंग (फाेस्टर केयर ) – पोषण एवं देखरेख कार्यक्रम” के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तरीय पोषक परिवार सम्मेलन सह कार्यक्रम का गरिमामय आयोजन राजधानी के एक निजी होटल में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में फोस्टर केयर व्यवस्था को मजबूत बनाना, पोषक परिवारों की भूमिका को सम्मानित करना तथा बच्चों के संपूर्ण विकास हेतु संवेदनशील एवं सुरक्षित वातावरण को प्रोत्साहित करना रहा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े के साथ बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा डॉ. वर्णिका शर्मा उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा डॉ. वर्णिका शर्मा ने अपने उद्धाेधन में कहा की “ फोस्टर का वास्तविक अर्थ है श्रीकृष्ण की यशोदा मैया बनना। यह केवल फोस्टर केयर के साथ ऑफ्टर केयर तक बच्चे की सुरक्षा, मार्गदर्शन और भावनात्मक पोषण की जिम्मेदारी का संवेदनशील निर्वाह है।”उन्होंने कहा कि फोस्टर माता-पिता न केवल बच्चे को घर देते हैं, बल्कि उसे एक परिवार, एक पहचान और भावनात्मक सुरक्षा प्रदान करते हैं। यह सेवा समाज के लिए एक उच्चतम मानवीय योगदान है।
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जिलों से आए फोस्टर बच्चों, पोषक माताओं-पिताओं एवं काउंसलर्स ने अपनी जीवन-यात्रा साझा की। कई बच्चों ने बताया कि फोस्टर परिवार के स्नेहपूर्ण सहयोग ने उनकी शिक्षा, मानसिक विकास और आत्मविश्वास को नई दिशा दी। इन अनुभवों ने सभागार को भावुक और प्रेरित दोनों किया।
फोस्टर केयर व्यवस्था को सफलतापूर्वक लागू करने हेतु निम्न जिलों की डीसीपीओ टीमों को सम्मानित किया गया जिसमे सरगुजा, जांजगीर, रायपुर, जशपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़ शामिल थे साथ ही बेस्ट परफॉर्मर अवॉर्ड, कम्युनिटी प्लेसमेंट अवॉर्ड — अंबिकापुर के उमाशंकर को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं और समर्पण के लिए विशेष सम्मान प्रदान किया गया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव एल्मा, यूनिसेफ की वरिष्ठ प्रतिनिधि सुश्री चेतना देसाई एवं सुश्री वसुंधरा, पादुम सेन, उपसंचालक महिला एवं बाल विकास विभाग उपस्थित रहे और सभी ने फोस्टर केयर को समुदाय-आधारित बाल संरक्षण व्यवस्था का सबसे संवेदनशील एवं प्रभावी माध्यम बताया।

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