COP30 में ‘मानव भविष्य बड़ी बिल्लियों के संरक्षण से जुड़ा’: पर्यावरण मंत्री
बेलेम{ गहरी खोज }: भारत ने वैश्विक नेताओं से बड़ी बिल्लियों (Big Cats) की सुरक्षा के लिए प्रयास तेज करने का आह्वान किया है, यह कहते हुए कि इन प्रजातियों का भविष्य सुरक्षित होगा तो मानवता का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।
UNFCCC COP30 शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (IBCA) के हाई-लेवल मंत्रीस्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने चेतावनी दी कि बड़ी बिल्लियों की संख्या में गिरावट पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को अस्थिर कर देगी।
IBCA भारत-नेतृत्व वाली एक वैश्विक पहल है जिसका उद्देश्य सात बड़ी बिल्ली प्रजातियों बाघ, सिंह, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा का संरक्षण करना है। यह गठबंधन सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर अवैध वन्यजीव व्यापार पर अंकुश लगाने, आवास संरक्षण और संसाधनों को जुटाने का लक्ष्य रखता है। यादव ने कहा, “जहां बड़ी बिल्लियां फलती-फूलती हैं, वहां जंगल स्वस्थ होते हैं, घास के मैदान पुनर्जीवित होते हैं, जल प्रणाली बेहतर काम करती है और जीवित परिदृश्यों में कार्बन अधिक कुशलता से संग्रहित होता है।”
उन्होंने जलवायु और जैव विविधता कार्य योजनाओं के तहत बड़ी बिल्लियों और उनके आवासों की सुरक्षा के लिए वैश्विक सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया। यादव ने कहा कि पारिस्थितिक चुनौतियाँ आज एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हैं और उनके लिए समन्वित समाधान की आवश्यकता है। बड़ी बिल्लियाँ शीर्ष शिकारी होने के साथ-साथ पारिस्थितिक संतुलन की नियामक और पारिस्थितिकी तंत्र स्वास्थ्य की प्रहरी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि बड़ी बिल्लियों की आबादी में कमी से पारिस्थितिक तंत्र अस्थिर होते हैं, जलवायु परिवर्तन के प्रति प्राकृतिक प्रतिरोध क्षमता घटती है और प्राकृतिक कार्बन सिंक खत्म होते जाते हैं। यादव ने कहा, “जिसे हम प्रायः वन्यजीव संरक्षण कहते हैं, वह वास्तव में अपनी सबसे प्राकृतिक अवस्था में जलवायु कार्रवाई है।” उन्होंने बताया कि बड़ी बिल्लियों के आवासों का संरक्षण कार्बन अवशोषण, जलग्रहण क्षेत्र संरक्षण, आपदा जोखिम में कमी, जलवायु अनुकूलन और सतत आजीविका को मजबूत करता है।
मंत्री ने IBCA की क्षमता का उल्लेख किया, जो देशों को तकनीकी सहायता, मानकीकृत उपकरण, क्षमता निर्माण, दक्षिण-दक्षिण सहयोग, और जैव विविधता-कार्बन क्रेडिट जैसी वित्तीय प्रणालियों के माध्यम से समर्थन दे सकती है। उन्होंने बताया कि भारत दुनिया की सात में से पांच बड़ी बिल्ली प्रजातियों का घर है और देश ने संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। “भारत ने निर्धारित समय से पहले बाघों की आबादी दोगुनी की और एशियाई शेरों की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है,” उन्होंने कहा।
यादव ने बताया कि भारत ने बाघ, सिंह, तेंदुए और हिम तेंदुए की जनगणना कर दुनिया के सबसे व्यापक वन्यजीव डेटाबेस में से एक तैयार किया है। इसके साथ ही भारत ने संरक्षित क्षेत्रों का विस्तार किया है, वन्यजीव गलियारे सुरक्षित किए हैं और स्थानीय समुदायों के साथ साझेदारी कर संरक्षण आधारित आजीविका विकसित की है। उन्होंने बताया कि 17 देश आधिकारिक रूप से IBCA का हिस्सा हैं और 30 से अधिक देशों ने इसमें शामिल होने में रुचि दिखाई है।
भारत 2026 में नई दिल्ली में ‘ग्लोबल बिग कैट्स समिट’ आयोजित करेगा, जिसके लिए यादव ने सभी देशों को आमंत्रित किया कि वे अपने अनुभव और रणनीतियाँ साझा करें ताकि बड़ी बिल्लियों और उनके आवास को संरक्षित किया जा सके यादव ने कहा कि दुनिया आज पारिस्थितिक पुनर्संरेखण के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी है, जहां एकता और सहयोग अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “हमें प्रतिस्पर्धा नहीं, सहयोग करना चाहिए। अलगाव नहीं, एकजुटता में ताकत ढूंढ़नी चाहिए। बड़ी बिल्लियों की रक्षा करना हमारे साझा ग्रह की रक्षा करना है। बड़ी बिल्लियों की रक्षा करना हमारे भविष्य की रक्षा करना है।”
