भारत–रूस संबंधों पर फोकस, दोनों पक्ष दिल्ली में नये समझौतों को अंतिम रूप देने की तैयारी में

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत और रूस अगले महीने की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नई दिल्ली यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूती लाने के लिए कई समझौतों, पहलों और परियोजनाओं को अंतिम रूप देने की दिशा में काम कर रहे हैं। यात्रा की तैयारी के तहत, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को मॉस्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ व्यापक बातचीत की। बैठक की शुरुआत में जयशंकर ने कहा, “यह अवसर मेरे लिए और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम भारत में तेईसवें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा की तैयारी कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “विभिन्न क्षेत्रों में कई द्विपक्षीय समझौते, पहलें और परियोजनाएँ चर्चा में हैं। हमें आने वाले दिनों में इनके अंतिम रूप से तैयार होने की उम्मीद है।” उन्होंने कहा, “ये निश्चित रूप से हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी में और अधिक मजबूती और गहराई जोड़ेंगे।” अपने बयान में जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत रूस–यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के हालिया प्रयासों का समर्थन करता है। उन्होंने कहा, “भारत शांति स्थापित करने के हालिया प्रयासों का समर्थन करता है। हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष इस लक्ष्य को रचनात्मक दृष्टिकोण से आगे बढ़ाएँगे।” उन्होंने कहा, “संघर्ष का शीघ्र समाप्त होना और स्थायी शांति सुनिश्चित होना पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हित में है।”
जयशंकर ने कहा कि भारत–रूस संबंध अंतरराष्ट्रीय संबंधों में लंबे समय से स्थिरता का कारक रहे हैं। उन्होंने कहा, “इन संबंधों का विकास और विस्तार न केवल हमारे परस्पर हित में है बल्कि विश्व के हित में भी है।” दोनों पक्षों ने वैश्विक मुद्दों पर भी विचार–विमर्श किया। जयशंकर ने कहा, “हम वैश्विक जटिल परिस्थितियों पर भी विचारों का आदान–प्रदान करेंगे, उसी खुलेपन के साथ जो हमेशा हमारे संबंधों की विशेषता रहा है। इसमें यूक्रेन संघर्ष, मध्य पूर्व और अफगानिस्तान सहित कई मुद्दे शामिल हैं।” विदेश मंत्री वर्तमान में रूस के विदेश मंत्री लावरोव से बातचीत करने मॉस्को में हैं। उनकी यात्रा को पुतिन की प्रस्तावित यात्रा की तैयारी का हिस्सा भी माना जा रहा है।
रूसी राष्ट्रपति के लगभग पाँच दिसम्बर को भारत आने की संभावना है, जहाँ वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता करेंगे।
शिखर सम्मेलन से द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने वाले महत्वपूर्ण परिणाम निकलने की उम्मीद है। भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में मोदी और पुतिन दोनों देशों के बीच “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” को और विस्तारित करने पर विचार–विमर्श करेंगे। भारत और रूस के बीच एक ऐसी व्यवस्था है जिसके तहत भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति हर वर्ष एक शिखर बैठक करते हैं, जिसमें समूचे द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की जाती है। अब तक भारत और रूस में बारी–बारी से बाइस शिखर बैठकें हो चुकी हैं। पिछले वर्ष जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मॉस्को गये थे। रूस भारत का समय–परीक्षित साझेदार रहा है और वह नई दिल्ली की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ है।

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