द्रमुक के विरोध के बावजूद तमिलनाडु में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू
चेन्नई{ गहरी खोज }: तमिलनाडु में मंगलवार से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया शुरू हो गई, जबकि सत्तारूढ़ द्रमुक और उसके सहयोगी दलों ने इसका कड़ा विरोध जताते हुए कोर्ट में चुनौती दी है। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने सूचित किया कि यह प्रक्रिया 4 नवम्बर 2025 से 4 दिसम्बर 2025 तक चलेगी, जिसके दौरान बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाता सूची में नाम जोड़ने, सुधार करने या हटाने का काम करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि बीएलओ आंशिक रूप से भरे हुए फॉर्म मतदाताओं को सौंपेंगे और आवश्यक दस्तावेज जमा कराने में सहायता करेंगे, जिसमें ऑनलाइन दाखिल किए गए आवेदन भी शामिल हैं। हालांकि, राजनीतिक टकराव के कारण कुछ कर्मचारियों में मैदान स्तर पर हिचकिचाहट देखी जा रही है।
द्रमुक का आरोप है कि यह एसआईआर “व्यावहारिक रूप से एनआरसी जैसा” है और यह नागरिकों पर “नागरिकता साबित करने का असंवैधानिक बोझ” डालता है। पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 27 अक्टूबर को जारी ईसीआई की अधिसूचना पर रोक लगाने और उसे रद्द करने की मांग की है। मामले की जल्द सुनवाई होने की उम्मीद है।
वहीं, एआईएडीएमके और भाजपा ने इस प्रक्रिया का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह नकली व दोहरे मतदाताओं को हटाने के लिए एक जरूरी कदम है। ईसीआई ने कहा कि यह प्रक्रिया नियमित है और आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए कानूनन आवश्यक है।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, 9 दिसम्बर को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद 8 जनवरी 2026 तक आपत्तियाँ और दावों की अवधि रहेगी तथा अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने नागरिकों से सहयोग की अपील की है और कहा कि राजनीतिक दलों को पारदर्शिता और जनविश्वास सुनिश्चित करने के लिए पहले ही विस्तृत रूप से अवगत कराया गया है।
