मतदाता सूची संशोधन भारतीय लोकतंत्र की मजबूत नींव : मुख्य चुनाव आयुक्त
कानपुर{ गहरी खोज }: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में चलाया गया मतदाता सूची संशोधन अभियान एक तरह का “शुद्धिकरण” है और भारतीय लोकतंत्र के निर्माण में एक बड़ा मील का पत्थर है। आईआईटी कानपुर के स्थापना दिवस समारोह में रविवार को बोलते हुए उन्होंने कहा, “दुनिया का सबसे बड़ा मतदाता सूची शुद्धिकरण अभियान केवल बिहार में चलाया गया है। जब यह अभियान 12 राज्यों के 51 करोड़ मतदाताओं तक विस्तारित होगा, तो यह चुनाव आयोग और देश दोनों के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।” उन्होंने कहा कि जब यह प्रक्रिया पूरे देश में पूरी हो जाएगी, तो लोगों को न केवल चुनाव आयोग पर बल्कि भारत की लोकतांत्रिक ताकत पर भी गर्व होगा।
चुनाव आयोग ने हाल ही में घोषणा की है कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) नवंबर से फरवरी के बीच 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों — जिनमें केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल शामिल हैं — में होगी। इन राज्यों में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। CEC ज्ञानेश कुमार आईआईटी कानपुर (अपने अल्मा मेटर) में डिस्टिंग्विश्ड एलुमनस अवॉर्ड लेने पहुंचे थे।
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं यहां सिर्फ इसलिए आया हूं क्योंकि मेरी मां ऐसा चाहती थीं। मैं अपनी मां की इच्छा का सम्मान करता हूं।” उन्होंने बताया कि IITK में बिताए चार साल उनकी सबसे यादगार और जीवंत यादें हैं। कुमार ने कहा कि आज देश की नोट्स और वोट्स दोनों IITians के हाथों में हैं — RBI गवर्नर और CEC। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव पारदर्शिता, दक्षता और सरलता के नए मानक स्थापित करेगा और अन्य लोकतंत्रों के लिए एक मॉडल बनेगा। बिहार की 243-सदस्यीय विधानसभा के चुनाव दो चरणों में — 6 और 11 नवम्बर को मतगणना — 14 नवम्बर को अपनी जीवन यात्रा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि कशी घाटों पर गंगा में तैरना सीखने वाला एक लड़का कभी नहीं सोच सकता था कि एक दिन वह भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त की कुर्सी पर बैठेगा।
