भारत वैश्विक नेतृत्व के लिए ऊंचे लक्ष्य वाले रिसर्च प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता दे रहा है: पीएम मोदी

0
T20251103195009

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बनने के लिए उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान एवं विकास प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दे रहा है और इस क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने पहले ‘इमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC)’ का उद्घाटन किया। यह नीतिगत नेताओं, नवोन्मेषकों और वैश्विक विशेषज्ञों से जुड़ा देश का प्रमुख वार्षिक कार्यक्रम है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक लाख करोड़ रुपये के ‘रिसर्च, डेवलपमेंट एंड इनोवेशन फंड’ का भी शुभारंभ किया, जिससे निजी क्षेत्र द्वारा अनुसंधान और विकास में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। मोदी ने कहा, “यह बड़ा निवेश जनता को लाभ पहुंचाने और नए अवसरों के द्वार खोलने के उद्देश्य से किया गया है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य निजी क्षेत्र में भी रिसर्च और डेवलपमेंट की संस्कृति को मजबूत करना है।
उन्होंने कहा, “पहली बार, उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाले प्रोजेक्ट्स के लिए विशेष रूप से धन आवंटित किया जा रहा है, ताकि महत्वपूर्ण और नवाचारयुक्त कार्यों को पूरा समर्थन मिले।” उन्होंने बताया कि सरकार ‘ईज़ ऑफ डूइंग रिसर्च’ पर जोर दे रही है, ताकि भारत में नवाचार का एक आधुनिक पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से विकसित हो सके। मोदी ने कहा कि वित्तीय नियमों और खरीद नीतियों में बड़े सुधार किए गए हैं। साथ ही, प्रोटोटाइप को लैब से बाजार तक पहुंचाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रोत्साहन और सप्लाई चेन संरचना को सरल बनाया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक में भारत का R&D खर्च दोगुना हुआ है, जो नवाचार के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “इंडिया में दर्ज किए गए पेटेंट्स की संख्या 17 गुना बढ़ी है। स्टार्टअप्स के क्षेत्र में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बन चुका है।”
मोदी ने कहा कि सरकार ने अनुसंधान अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना की है, जिससे विश्वविद्यालयों में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब नवाचार समावेशी होता है, तब उसके सबसे बड़े लाभार्थी भी वही बनते हैं, और इसमें भारतीय महिलाएं एक बड़ी मिसाल हैं। उन्होंने बताया कि एक दशक पहले भारत में महिलाओं द्वारा सालाना 100 से भी कम पेटेंट आवेदन होते थे। आज यह संख्या 5,000 से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में STEM शिक्षा (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित) में 43 प्रतिशत छात्राएं शामिल हैं, जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है। मोदी ने कहा कि महान उपलब्धियों की नींव तभी रखी जाती है जब विज्ञान बड़े पैमाने पर लागू हो, नवाचार सबको शामिल करे, और तकनीक बदलाव लाए। उन्होंने कहा, “पिछले 10–11 वर्षों में भारत ने इसे व्यवहार में साबित किया है। भारत अब केवल टेक्नोलॉजी का उपभोक्ता नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से परिवर्तन का अग्रदूत बन चुका है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *