जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता, तुलसी महारानी की आरती
धर्म { गहरी खोज } : कार्तिक महीने में तुलसी माता की आरती करने का विशेष महत्व माना गया है। लेकिन अगर आप इस पूरे महीने तुलसी महारानी की आरती नहीं कर पाए हैं तो आपको देवउठनी एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक इस आरती को जरूर करना चाहिए। ये पांच दिन तुलसी माता का पूजन करने के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं। ऐसी मान्यता है तुलसी आरती करने से जीवन में सुख-समृद्धि की कभी कमी नहीं होती और धन-धान्य का भंडार हमेशा भरा रहता है। चलिए आपको बताते हैं तुलसी जी की आरती के लिरिक्स।
तुलसी माता की आरती
जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
जय जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता ॥
तुलसी महारानी की आरती – 2
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥
तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
तुलसी माता की आरती करने से पहले तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं। इसके बाद तुलसी की 7 या 11 बार परिक्रमा करें। इसके बाद सच्चे मन से आरती करें। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि की कभी कमी नहीं होगी।
