जनसांख्यिकीय लाभ अगर सही दिशा में न ले जाया जाए तो बोझ बन सकता है: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि भारत एक युवाओं वाला देश है, लेकिन जनसांख्यिकीय लाभ (Demographic Dividend) अगर ठीक से दिशा न दी जाए तो यह “जनसांख्यिकीय बोझ” भी बन सकता है। वे यहां मानेकशॉ सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर किया गया। रिजिजू ने कार्यक्रम में मौजूद श्रोताओं के साथ संवाद भी किया। कार्यक्रम के मंच पर थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी मौजूद थे। यह आयोजन सेना और रक्षा थिंक-टैंक सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज द्वारा आयोजित चाणक्य डिफेंस डायलॉगः यंग लीडर्स फोरम के तहत किया गया। अपने संबोधन में रिजिजू ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत बनाने का लक्ष्य कोई “कल्पना मात्र” नहीं है, बल्कि भारत को दुनिया का अग्रणी राष्ट्र बनाने की “यात्रा” है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों की सामर्थ्य और सही भावना के साथ आगे बढ़ रहे युवाओं के समर्थन से इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। बाद में बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि देश के युवा “संपत्ति” बनें, “बोझ” नहीं।
उन्होंने कहा “भारत के लिए इसे जनसांख्यिकीय लाभ कहा जाता है, लेकिन यदि इसे सही तरीके से दिशा नहीं दी गई तो यह ‘बोझ’ बन सकता है, इसलिए यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण समय है।” ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मीडिया ब्रीफिंग में प्रमुख चेहरों में शामिल कर्नल सोफिया कुरैशी भी कार्यक्रम में मौजूद रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में युवाओं से सतर्क रहने, भ्रमकारी जानकारी से बचने और डिजिटल साक्षरता बढ़ाने की अपील की। सेमिनार के दौरान पूरे दिन विभिन्न विषय-आधारित सत्र आयोजित होंगे।

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