युद्ध अब तेजी से गैर-हिंसक और गैर-संपर्क आधारित हो रहा है: सेना प्रमुख
 
                नई दिल्ली{ गहरी खोज }: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि युद्ध का स्वरूप तेजी से गैर-गतिज और गैर-संपर्क होता जा रहा है और इस नई परिस्थिति में ऐसे जवाब की आवश्यकता है जिसमें सैन्य शक्ति के साथ बौद्धिक क्षमता और नैतिक तैयारी भी शामिल हो।
मानेकशॉ सेंटर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं की भूमिका थिंक-टैंक, प्रयोगशालाओं से लेकर युद्ध के मैदान तक विभिन्न क्षेत्रों में होनी चाहिए।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने भी सेना अधिकारियों, छात्रों और रक्षा विशेषज्ञों को संबोधित किया। यह आयोजन सेना और रक्षा थिंक-टैंक सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज द्वारा आयोजित चाणक्य डिफेंस डायलॉग: यंग लीडर्स फोरम के तहत किया गया। अपने मुख्य भाषण में सेना प्रमुख ने बदलती युद्ध प्रणाली और उसके अनुसार तैयार प्रतिक्रियाओं पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “युद्ध अब तेजी से गैर-गतिज और गैर-संपर्क आधारित हो रहा है, इसलिए जवाब में केवल सैन्य शक्ति ही नहीं, बल्कि बौद्धिक क्षमता और नैतिक तैयारी भी जरूरी है।” ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मीडिया ब्रीफिंग में सुर्खियां बटोरने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहीं। कार्यक्रम में यह भी घोषणा की गई कि चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 आगामी 27-28 नवंबर को “रिफॉर्म टू ट्रांसफॉर्म: सशक्त और और अधिक सुरक्षित भारत” विषय पर आयोजित किया जाएगा।

 
                         
                       
                      