“ऑपरेशन पंक्चर”: चीनी तैराकों के डोपिंग टेस्ट लीक मामले में भरोसा बहाल करने की WADA की पहल

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लंदन{ गहरी खोज }:विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) ने गुरुवार को पुष्टि की कि वह उस लीक की जांच कर रही है जिसमें 2021 टोक्यो ओलंपिक से पहले प्रतिबंधित दवा के लिए पॉजिटिव पाए गए 23 चीनी तैराकों की जांच का खुलासा हुआ था। WADA ने इन खिलाड़ियों को डोपिंग से मुक्त करने के अपने फैसले का बचाव किया है। एजेंसी ने कहा कि चीनी एंटी-डोपिंग अधिकारियों की जांच में यह निष्कर्ष निकला कि खिलाड़ियों के सैंपल संदूषण (कंटैमिनेशन) के कारण पॉजिटिव आए थे, और उसने इस निष्कर्ष से सहमति जताई थी। यह पूरी जांच गोपनीय रखी गई थी, लेकिन पिछले साल न्यूयॉर्क टाइम्स और जर्मन ब्रॉडकास्टर ARD की रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया।
ARD ने बुधवार को रिपोर्ट किया कि WADA उस व्यक्ति की तलाश कर रही है जिसने इस जांच की जानकारी मीडिया तक पहुंचाई। यह कदम असामान्य है क्योंकि WADA आमतौर पर व्हिसलब्लोअर्स (जानकारी देने वालों) को प्रोत्साहित करता है और उनकी मदद से ही डोपिंग पर कार्रवाई की जाती है।
WADA के इंटेलिजेंस एंड इन्वेस्टिगेशंस निदेशक ग्यून्टर यंगर ने पुष्टि की कि एजेंसी ने इस मामले में “ऑपरेशन पंक्चर” शुरू किया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वे व्हिसलब्लोअर को तलाशने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा “हम व्हिसलब्लोअर का पीछा नहीं कर रहे हैं। हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि लीक कैसे हुई और इसके पीछे मकसद क्या था।” यंगर ने बताया कि एजेंसी व्हिसलब्लोअर्स की सुरक्षा को सर्वोपरि मानती है और चल रही जांच के बारे में जानकारी सार्वजनिक न करना उनकी नीतियों का हिस्सा है ताकि खिलाड़ियों पर गलत आरोप न लगे। उन्होंने कहा कि यह लीक राजनीतिक कारणों से हुई प्रतीत होती है और इसे दोबारा होने से रोकना जरूरी है। चीनी तैराकों का यह मामला खेल जगत में विवाद का बड़ा मुद्दा रहा है। WADA को एथलीटों, खेल संगठनों और डोपिंग के खिलाफ काम करने वाले समूहों की आलोचना का सामना करना पड़ा है। सबसे कड़े आलोचकों में अमेरिका की एंटी-डोपिंग संस्थाएं और सरकारी नेता शामिल हैं। अमेरिकी सरकार ने WADA को दी जाने वाली लगभग 3.6 मिलियन डॉलर की वार्षिक राशि रोक रखी है।

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