महबूबा ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल द्वारा संदिग्ध आतंकी संबंधों के चलते दो कर्मचारियों की बर्खास्तगी की निंदा की

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श्रीनगर{ गहरी खोज }: पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा दो कर्मचारियों की बर्खास्तगी मुसलमानों, खासकर कश्मीरियों को कमजोर करने के व्यापक एजेंडे की चिंताओं को बढ़ाती है। उनकी यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा आतंकवादियों के साथ कथित संबंधों के चलते दो सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त करने के बाद आई है। उपराज्यपाल ने गुलाम हुसैन और माजिद इकबाल डार दोनों शिक्षकों की सेवाएँ समाप्त कर दीं, जो लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) संगठन की गतिविधियों का समर्थन करने में सक्रिय रूप से शामिल पाए गए थे।
उन्होंने आरोप लगाया कथित आतंकी संबंधों के चलते दो और सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है और उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने का मौका भी नहीं दिया गया। इससे मुसलमानों, खासकर कश्मीरियों को कमजोर करने के व्यापक एजेंडे की चिंताएँ बढ़ती हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया पहले तो उन्हें पक्षपातपूर्ण आरक्षण नीतियों के कारण हाशिए पर धकेला जा रहा है जैसा कि जम्मू-कश्मीर में आरक्षण प्रमाणपत्रों पर हाल ही में हुए खुलासों से पता चलता है, और अब उन्हें गलत तरीके से बर्खास्त किया जा रहा है जहाँ जज, जूरी और जल्लाद सब एक ही तरफ हैं। पिछले पाँच वर्षों में उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा संविधान के अनुच्छेद 311 का हवाला देकर अब तक लगभग 80 सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।

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