भारत का लक्ष्य प्रति टन कार्गो पर कार्बन उत्सर्जन में 2047 तक 70% की कमी लाना है: सर्बानंद

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत ने 2047 तक प्रति टन कार्गो कार्बन उत्सर्जन में 70 प्रतिशत और 2030 तक 30 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य “नेट जीरो बाय 2070” प्रतिबद्धता का हिस्सा है और समुद्री क्षेत्र इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ‘इंडिया मेरिटाइम वीक 2025’ के दौरान आयोजित ‘ग्रीन मेरिटाइम डे’ कार्यक्रम में बोलते हुए सोनोवाल ने कहा कि भारत सतत् और लचीले समुद्री भविष्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि सागरमाला कार्यक्रम, मेरिटाइम इंडिया विजन 2030, हरित सागर गाइडलाइंस और मेरिटाइम अमृत काल विजन 2047 जैसे पहल भारत के समुद्री विकास को नवाचार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
सोनोवाल ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत वीओसी, पारादीप और दीनदयाल बंदरगाहों को ग्रीन हाइड्रोजन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे स्वच्छ ईंधन आधारित अर्थव्यवस्था की नींव रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि भारत विश्व व्यापार मार्गों पर अपनी अनूठी भौगोलिक स्थिति के कारण ग्रीन शिपिंग कॉरिडोर का वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। भारत ने इस दिशा में सिंगापुर और नीदरलैंड्स के साथ ग्रीन एवं डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (GDSCs) शुरू किए हैं, जो स्वच्छ ऊर्जा व्यापार को बढ़ावा देने के साथ निवेश को भी प्रोत्साहित करेंगे। कार्यक्रम के दौरान ग्रीन हाइड्रोजन, ई-फ्यूल, शून्य-उत्सर्जन ट्रकिंग, प्रदूषण नियंत्रण और ग्रीन पोर्ट प्रदर्शन मानक पर आधारित पाँच प्रमुख रिपोर्टें भी जारी की गईं। सोनोवाल ने कहा, “अमृत काल 2047 तक हमारा लक्ष्य केवल समुद्री क्षमता बढ़ाना नहीं, बल्कि उसे हरित, स्मार्ट और टिकाऊ बनाना है।”

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