कार्तिक पूर्णिमा पर जलाएं 365 बाती का दीपक, पूरे साल की पूजा का एक साथ मिलेगा शुभ फल
धर्म { गहरी खोज } : आपने भी अपने घर के बड़े-बुजुर्गों या आस-पड़ोस के लोगों को कार्तिक पूर्णिमा के दिन एक विशेष पूजा करते देखा होगा जिसमें 365 बाती का दीपक जलाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ऐसा क्यों किया जाता है या इस दिन इस दीपक को जलाने से क्या लाभ मिलता है। तो आपको बता दें इस पूर्णिमा पर ये खास दीपक जलाने से पूरे साल की पूजा का फल एक साथ प्राप्त हो जाता है। इस दीपक को आप अपने घर के मंदिर, तुलसी के पौधे, पीपल के पेड़ या फिर अपने घर के पास किसी भी मंदिर में जला सकते हैं। चलिए जानते हैं इस साल 365 बाती का दीपक कब जलाया जाएगा।
365 बाती का दीपक कब जलाएं 2025
365 बाती का दीया 5 नवंबर 2025 को जलाया जाएगा। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा है। कुछ लोग इस दीपक को एक दिन पहले यानी बैकुंठ चतुर्दशी पर जलाते हैं। इस साल ये तिथि 4 नवंबर को है। ये दीपक शाम के समय में जलाया जाता है।
365 बाती का दीपक सामग्री लिस्ट
कच्चा सूत या कलावा
रोली
खील
जल
हल्दी
सूखा नारियल (गोला)
365 बाती का दीया कैसे जलाएं?
इस दीपक को सूखे नारियल में जलाया जाता है। इसे जलाने के लिए एक कलावा या कच्चा सूत लेना है। उससे 365 बाती तैयार कर लेनी है। जैसे अगर आप 5 धागे वाले कलावे या सूत को लेते हैं तो उसे अपने हाथ पर 73 बार लपेटें और बचे हुए धागे को काट दें। इस तरह से आपकी 365 बाती तैयार हो जाएंगी। अब एक सूखा नारियल लें और उसके दो हिस्से कर लें। नारियल के एक हिस्से में देसी घी भरें और इसमें 365 बाती डालें। इस दीपक को घर के मंदिर में या तुलसी के पौधे के समक्ष जला लें। दीपक के नीचे अक्षत के कुछ दाने जरूर डालें। साथ ही दीये पर हल्दी और रोली का तिलक लगाएं। इसके बाद दीपक में खील डालें। इसके बाद दीपक के ऊपर से तीन बार जल घुमाएं। इस विधि से 365 बाती का दीपक जलाकर आप पूरे साल की पूजा का फल पा सकते हैं।
365 बाती का दीपक कहां जलाना चाहिए
इस दीपक को वैसे ज्यादातर लोग तुलसी के पौधे के समक्ष जलाते हैं और दीपक जलाने के बाद तुलसी के पौधे की 108 बार परिक्रमा भी करते हैं। वहीं कुछ लोग इसे घर के मंदिर में तो कुछ पीपल, केले या आंवले के पेड़ के नीचे भी जलाते हैं। आपके यहां जैसी परंपरा हो आप वैसा ही करें।
