भीष्म पंचक कब से शुरू है, जानिए इस दौरान व्रत रखने से क्या लाभ मिलता है

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धर्म { गहरी खोज } : पुराणों में भीष्म पंचक को सभी पापों का नाश करने वाला माना गया है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि ये पंचक भीष्म पितामह को समर्पित है। कहते हैं महाभारत युद्ध के बाद जब श्रीकृष्ण पांडवों को भीष्म पितामह के पास लेकर गए तो मृत्यु शैया पर लेटे भीष्म पितामह ने उन्हें पांच दिनों तक राजधर्म, मोक्षधर्म और वर्णधर्म पर उपदेश दिया। जिसके बाद भगवान कृष्ण ने कहा कि ‘ये पांच दिन सभी के लिए अत्यंत मंगलकारी होंगे और आने वाले समय में इन्हें भीष्म पंचक के नाम से जाना जाएगा। जानिए 2025 में भीष्म पंचक कब से लग रहा है।

भीष्म पंचक कब से शुरू है 2025
इस साल भीष्म पंचक की शुरुआत 1 नवंबर 2025 से होगी और इसका समापन 5 नवंबर 2025 को होगा। बता दें भीष्म पंचक का व्रत सभी पापों का नाश करने वाला और अक्षय फल देने वाला माना जाता है।

भीष्म पंचक का महत्व

कहते हैं भीष्म पंचक का व्रत रखने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माना जाता है कि ये पांच दिन भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं इसलिए इसे विष्णु पंचक के नाम से भी जाना जाता है।
भीष्म पंचक के 5 दिनों में व्रत, स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व माना गया है।

भीष्म पंचक की पूजा विधि

भीष्म पंचक का व्रत रखने वाले लोगों को प्रातःकाल स्नान कर पीले या सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण की प्रतिमा के सामने दीप जलाना चाहिए। भगवान को तुलसी दल, फूल और मिष्ठान अर्पित करें। साथ में “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करें। भगवान का पंचामृत से अभिषेक करें। दिनभर सात्विक आहार ग्रहण करें। इस दौरान विष्णु सहस्रनाम का पाठ जरूर करें।

भीष्म पंचक पूजा मंत्र

ॐ भीष्माय नमः।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।
ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।

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