दिल से जुड़ी बीमारियां बन सकती हैं स्ट्रोक का कारण, एक्सपर्ट से जानें क्या है दिल और दिमाग के बीच का कनेक्शन?
लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: हमारे शरीर का हर हिस्सा एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। अगर एक अंग प्रभावित होता है, तो उसका असर बाकी अंगों पर भी बढ़ता है। ऐसा ही गहरा संबंध दिल और दिमाग के बीच होता है। आर्टेमिस अस्पताल में सलाहकार न्यूरोलॉजी और मिर्गी, डॉ. विवेक बरुण, कहते हैं कि अगर दिल में कोई बीमारी हो जाए या दिल कमजोर पड़ जाए, तो इसका सीधा-सीधा असर दिमाग पर भी पड़ता है। हार्ट डिजीज के कारण ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति भी पैदा हो सकती है। हम जानेंगे कि कैसे हार्ट डिजीज स्ट्रोक का कारण बनती है।
क्या होता है स्ट्रोक?
स्ट्रोक एक जानलेवा स्थित है, जिसमें दिमाग को जाने वाली रक्त आपूर्ति बाधित हो जाती है। यह दो प्रकार के होते हैं। इस्केमिक और हेमोरेजिक दोनों ही स्थितियों में मस्तिष्क के किसी हिस्से में खून का प्रवाह रुक जाता है। इस्केमिक स्ट्रोक एक तरह से हार्ट अटैक जैसा होता है। फर्क बस इतना होता है कि यह दिल की बजाय मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में होता है और लगभग 80 फ़ीसदी स्ट्रोक इसी प्रकार के होते हैं। वहीं हेमरेजिक स्ट्रोक तब होता है, जब मस्तिष्क के किए हुए कोई रक्त वाहिकाएं फट जाती है या उनमें रिसाव हो जाता है। इससे दिमाग के टिशु में रक्तस्राव होता है, जो की जानलेवा बन सकता है।
दिल और दिमाग के बीच क्या है कनेक्शन?
दिल हमारे शरीर में खून पंप करने का काम करता है, जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्व शरीर के हर हिस्से, खासकर के दिमाग तक पहुंचाते हैं । जब दिल ठीक से काम नहीं करता है, तो मस्तिष्क को पर्याप्त खून और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और यही स्थिति इस स्ट्रोक को जन्म देती है। एट्रियल फाइब्रिलेशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिल बहुत तेजी से धड़कता है । दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है, इससे दिल के अंदर खून के थक्के बन सकते हैं और यही थक्का अगर टूट कर दिमाग की ओर चला जाए, तो दिमाग में मौजूद किसी भी धमनी को ब्लॉक कर देता है। इस वजह से स्ट्रोक हो सकता है।
हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी कोई भी बीमारी होने के बाद दिल की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे खून का प्रवाह सही नहीं रहता है । ऐसे में खून जमने की संभावना बढ़ जाती है खून की आपूर्ति ठीक से नहीं होती है जिस वजह से ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है। दिल में सूजन जिसे हम मायोकार्डाइटिस कहते हैं। यह स्थिति आमतौर पर किसी रोगजनक संक्रमण के कारण होती है। हालांकि यह दुर्लभ होती है, लेकिन ऐसी स्थिति में स्ट्रोक होने का खतरा भी बढ़ सकता है।
