एक तरफ सुन्नपन या कमजोरी हो सकता है स्ट्रोक का लक्षण, बिना देरी किए डॉक्टर को दिखाएं

0
stroke-symptoms-28-10-2025-1761654645

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: हार्ट अटैक के बाद दूसरे नंबर पर स्ट्रोक सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी बन रही है। लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए हर साल 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है। ब्रेन स्ट्रोक का खतरा खराब लाइफस्टाल की वजह से तेजी से बढ़ रहा है। दिन में 10-12 घंटे की सिटिंग जॉब, टारगेट पूरा करने की टेंशन, स्मोकिंग और एल्कोहल का सहारा लेना सेहत के लिए और भी खतरनाक बनता जा रहा है। फिर एक शाम अचानक हाथ पैरों में सुन्नपन, झनझनाहट और धुंधला दिखाई देने लगता है। ऐसा ब्रेन में क्लॉट बनने के कारण और स्ट्रोक आने की वजह से हो सकता है। यकीन मानिए भारत में हर ’40 सेकंड’ में एक शख्स स्ट्रोक का शिकार होता है और अब 35-45 की उम्र में ये बीमारी सबसे ज्यादा दस्तक दे रही है। हाल ये है कि ब्रेन स्ट्रोक के 10 मामलों में से औसतन 1 की जान जा रही है। बेहतर होगा कि आप स्ट्रोक के खतरे को भांप लें और इससे बचाव करें।

डॉक्टर प्रवीन गुप्ता ( चेयरमेन, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम) की मानें तो स्ट्रोक आमतौर पर धूम्रपान, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कंट्रोल न होने वाली शुगर, ज्यादा कोलेस्ट्रॉल, मोटापा और व्यायाम की कमी की वजह से होता है। ये सारी चीजें आपकी लाइफस्टाइल से जुड़ी हैं। ये कारण दिमाग की नसों में खून के थक्के जमा कर देते हैं या नस फट जाती है, जिससे दिमाग को नुकसान पहुंचता है।

स्ट्रोक से बचने के उपाय
स्ट्रोक से बचाव के लिए रोज़ व्यायाम करें, वजन को सामान्य रखें, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखें, खाने में नमक और तेल कम लें, ज्यादा फल और सब्जियां खाएं, धूम्रपान और शराब से दूर रहें, तनाव कम करें और पूरी नींद लें। इन आदतों को अपनाने से स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।

स्ट्रोक के लक्षण
स्ट्रोक आने से पहले कुछ चेतावनी के लक्षण दिख सकते हैं, जैसे अचानक बोलने में परेशानी होना, एक हाथ उठाने में दिक्कत होना, चलते समय संतुलन बिगड़ना, धुंधला दिखना या अचानक याददाश्त कमजोर होना। कुछ लोगों को शरीर के एक तरफ सुन्नपन या कमजोरी भी महसूस हो सकती है। ये लक्षण अचानक आते हैं और इन्हें कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत स्ट्रोक वाले अस्पताल में जाएं। समय पर इलाज मिलने से दिमाग को कम नुकसान होगा और ठीक होने की संभावना बढ़ जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *