अरब सागर में ईरानी नाव पर विस्फोट, आईसीजी ने ईरानी मछुआरे को सुरक्षित बचाया
- प्राथमिक चिकित्सा के बाद आईसीजी के जहाज सचेत से लाया जा रहा गोवा
नई दिल्ली{ गहरी खोज }: कोच्चि से लगभग 1500 किलोमीटर पश्चिम अरब सागर के मध्य में मछली पकड़ने वाली नाव अल-ओवैस में मंगलवार सुबह जनरेटर में ईंधन स्थानांतरण के दौरान विस्फोट के बाद आग लग गई। नाव पर सवार ईरानी मछुआरे की दोनों आंखों में गंभीर चोटें आईं और दाहिने कान पर गहरे घाव हो गए। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने गंभीर रूप से घायल नाविक को चिकित्सा देकर सुरक्षित बचाया है। अब उसे आगे की चिकित्सा व्यवस्था के लिए गोवा ले जाया जा रहा है।
आईसीजी के कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि यह अभियान तब शुरू हुआ, जब मुंबई के समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) को चाबहार से मछली पकड़ने वाली ईरानी नाव अल-ओवैस में चिकित्सा आपात स्थिति और इंजन की खराबी के बारे में सूचना मिली। नाव पर चालक दल के पांच सदस्य थे, जिनमें इसके मालिक ईरानी नागरिक अल्लाह बख्श भी शामिल थे। नाव के जनरेटर में ईंधन स्थानांतरण के दौरान विस्फोट के बाद उनकी दोनों आंखें गंभीर रूप चोटिल हो गईं और उनके दाहिने कान पर गहरे घाव हो गए।
एमआरसीसी ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा जाल (आईएसएन) को सक्रिय कर दिया, ताकि आसपास के जहाजों को सतर्क करके समन्वित सहायता शुरू की जा सके। पूर्वी अफ्रीकी देशों में विदेशी तैनाती से लौट रहे आईसीजी के जहाज सचेत को तत्काल सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही मार्शल द्वीप समूह के झंडे वाला टैंकर एमटी एसटीआई ग्रेसको 27 अक्टूबर को लगभग 02.10 बजे संकटग्रस्त नाव की सहायता के लिए मोड़ दिया गया। यह टैंकर कुवैत से मोरोनी (कोमोरोस) जा रहा था। यह टैंकर उसी दिन लगभग 10 बजे नाव के पास पहुंच गया और घायल नाविक को उसमें चढ़ाया गया।
इसके बाद आईसीजी के चिकित्सा कर्मियों के मार्गदर्शन में टेली-मेडिकल प्राथमिक उपचार दिया गया। इसके बाद एमआरसीसी ने एमटी एसटीआई ग्रेस को दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने का निर्देश दिया, ताकि मरीज को स्थानांतरित करने और आगे की चिकित्सा व्यवस्था के लिए आईसीजी जहाज सचेत के साथ संपर्क स्थापित किया जा सके। चुनौतीपूर्ण समुद्री परिस्थितियों में स्थानांतरण अभियान 28 अक्टूबर को सुबह 09.27 बजे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। घायल मछुआरे का वर्तमान में आईसीजी जहाज सचेत पर निरंतर चिकित्सा उपचार चल रहा है। साथ ही उसे आगे की चिकित्सा व्यवस्था के लिए गोवा ले जाया जा रहा है।
