आसमान में नई ऊंचाइयां छू रहा उत्तर प्रदेश, हवाई यात्री और कार्गो ट्रैफिक में रिकॉर्ड वृद्धि

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लखनऊ{ गहरी खोज }: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अब न केवल सड़क पर, बल्कि आसमान में भी विकास की उड़ान भर रहा है। राज्य की हवाई कनेक्टिविटी और यात्री संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे प्रदेश अब भारत की हवाई ग्रोथ स्टोरी में एक अहम किरदार बन गया है। इस वित्तीय वर्ष के प्रथम पांच माह में राज्य में घरेलू हवाई यात्रियों और एयर कार्गो में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि इस वित्तीय वर्ष में माह अप्रैल से अगस्त 2025 की अवधि में उत्तर प्रदेश के हवाई अड्डों पर यात्रियों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 14.6 फीसदी बढ़कर 60.02 लाख हो गई है। वहीं इस अवधि में भारत के कुल हवाई यातायात में राज्य की हिस्सेदारी 3.52 फीसदी तक पहुंच गई, जो 2024 की तुलना में 34 बेसिस पॉइंट्स अधिक है। इससे साफ है कि अब देश के हर 30 में से एक हवाई यात्री उत्तर प्रदेश से यात्रा कर रहा है।
उन्होंने बताया कि राज्य में हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या केवल आंकड़ों की बात नहीं, बल्कि उस दूरदर्शी सोच का परिणाम है, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ‘कनेक्टेड यूपी, समृद्ध यूपी’ विजन के तहत पेश की थी। उनका लक्ष्य है कि हर क्षेत्र, हर जिला आधुनिक परिवहन से जुड़े ताकि पर्यटन, व्यापार और रोजगार में नई गति आए। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुभारंभ के साथ इस रफ्तार में और भी वृद्धि हो और सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों को भी कनेक्टिविटी के नए अवसर प्राप्त हों।
प्रवक्ता के अनुसार साल 2016-17 में जहां उत्तर प्रदेश के हवाई अड्डों से 59.97 लाख यात्री यात्रा करते थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 142.28 लाख तक पहुंच गई। इनमें 129.29 लाख घरेलू और 12.99 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्री शामिल रहे। इस दौरान राज्य का कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) 10.1 फीसदी रहा, जो एविएशन सेक्टर में तेजी से बढ़ती मांग को दर्शाता है। कोविड-19 महामारी के दौरान यात्री संख्या 48.35 लाख तक गिर गई थी, लेकिन यूपी ने सबसे तेज रिकवरी दिखाई। महज दो वर्षों में यात्रियों की संख्या दोगुनी हो गई। यह राज्य की मजबूत हवाई नीति और बेहतर प्रबंधन का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि 2023-24 की तुलना में 2024-25 में हवाई यात्रियों की संख्या में 25.9 प्रतिशत का ग्रोथ दर्ज किया गया है, जबकि 2023-24 और 2024-25 में अप्रैल-अगस्त माह के बीच कंपैरिजन करें तो यह ग्रोथ 14.6 फीसदी रही। इस दौरान डॉमेस्टिक एयर पैसेंजर्स में 15.7 फीसदी और इंटरनेशनल पैसेंजर्स की संख्या में 4.3 फीसदी ग्रोथ दर्ज की गई।
राज्य के कई शहरों ने इस ग्रोथ में अहम योगदान दिया है। 2023-24 से 2024-25 के बीच वाराणसी में 34.4 फीसदी, प्रयागराज में 76.4, गोरखपुर में 27.6 और कानपुर में 13.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। धार्मिक पर्यटन और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी ने यात्री संख्या को तेजी से बढ़ाया है। अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट उत्तर भारत के सबसे तेजी से बढ़ते टर्मिनल्स में है। 2023-24 में जहां 2 लाख से ज्यादा पैसेंजर्स ने यहां से हवाई उड़ान भरी थी तो वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 11 लाख से अधिक पहुंच गया। इसके अलावा प्रयागराज और वाराणसी से भी धार्मिक और व्यावसायिक उड़ानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रयागराज में 2023-24 में 6 लाख से अधिक एयर पैसेंजर्स ने यात्रा की तो वहीं 2024-25 में यह संख्या 10.77 लाख से अधिक पहुंच गई। इसी तरह वाराणसी में 2023-24 में करीब 30 लाख एयर पैसेंजर्स यात्रा कर रहे थे तो वहीं 2024-25 यह संख्या 40 लाख का आंकड़ा पार कर गई। गोरखपुर में 2023-24 में 6.8 लाख की तुलना में 2024-25 में 8.67 लाख से अधिक हवाई यात्रियों ने सफर किया। लखनऊ ने भी अपनी रफ्तार में इजाफा किया है, जहां 2023-24 की तुलना में 2024-25 में 4.1% की वृद्धि हुई है।
उत्तर प्रदेश अब व्यापार और निर्यात के लिए भी एयर कनेक्टिविटी का बड़ा केंद्र बन रहा है। वर्ष 2016-17 से 2024-25 तक राज्य के एयर कार्गो में 19.1 फीसदी का सीएजीआर दर्ज किया गया है। जो अब तक का सर्वाधिक है। वर्ष 2024-25 में लखनऊ एयरपोर्ट ने 22,099 मीट्रिक टन कार्गो हैंडल किया, जबकि वाराणसी में 27.7 फीसदी और प्रयागराज में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। अप्रैल-अगस्त 2025 में कानपुर में 165 फीसदी और आगरा में 247 फीसद रिकॉर्ड ग्रोथ दर्ज हुई। अप्रैल-अगस्त 2025 में राज्य का भारत के कुल एयर कार्गो में हिस्सा 0.79 फीसदी हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1 बेसिस पॉइंट अधिक है।
उत्तर प्रदेश सिविल एविएशन के डायरेक्टर ईशान प्रताप सिंह ने बताया कि हवाई कनेक्टिविटी सिर्फ परिवहन का माध्यम नहीं, बल्कि रोजगार, पर्यटन और निवेश की नई शक्ति है। जब हर जिले से उड़ान संभव होगी, तो हर नागरिक का जीवन स्तर ऊंचा होगा। इसी सोच के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन और नेतृत्व में अयोध्या, कुशीनगर और जेवर (नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट) जैसे नए हवाई अड्डों का तेजी से विकास किया गया है। जेवर एयरपोर्ट के शुरू होते ही उत्तर प्रदेश उत्तरी भारत का सबसे बड़ा एविएशन हब बनेगा। इसी क्रम में प्रदेश सरकार कई नए एयर कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रही है।

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