एमपी खांसी सिरप त्रासदी: मेडिकल प्रतिनिधि गिरफ्तार

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छिंदवाड़ा{ गहरी खोज } :अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि पुलिस ने कथित तौर पर जहरीले कोल्ड्रिफ खांसी सिरप से जुड़े एक मेडिकल प्रतिनिधि को गिरफ्तार किया है, जिस पर राज्य में 24 बच्चों की मौत का आरोप है। यह सिरप, जिसे अब प्रतिबंधित कर दिया गया है, तमिलनाडु स्थित श्रीसन फार्मा द्वारा निर्मित किया गया था। बच्चों की मौत के बाद कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया गया और इसके संचालन बंद कर दिए गए। एसडीओपी (पारसिया) जितेंद्र कुमार जात ने बताया कि आरोपी प्रतिनिधि सतीश वर्मा को रविवार देर रात छिंदवाड़ा में हिरासत में लिया गया और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस अब तक कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन और डॉ. प्रवीन सोनी सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिन्होंने बच्चों को यह सिरप लिखकर दिया था। मृतकों में अधिकांश की उम्र पांच वर्ष से कम थी और उनके गुर्दे (किडनी) फेल होने का संदेह है। राजस्थान में भी इसी फॉर्म्युलेशन से तीन बच्चों की मौत दर्ज की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में पाए गए तीन घटिया सिरप — कोल्ड्रिफ, रेस्पीफ्रेश TR और री-लाइफ — के खिलाफ अलर्ट जारी किया है। तमिलनाडु की ड्रग्स कंट्रोल विभाग की जांच में पाया गया कि कोल्ड्रिफ मानक गुणवत्ता का नहीं था। वहीं, मध्य प्रदेश की जांच में एक नमूने में 48.6% डाइएथिलीन ग्लाइकोल पाया गया, जबकि इसकी अनुमेय सीमा 0.1% है। इसी के बाद अन्य गिरफ्तारियां हुईं। इस फॉर्म्युलेशन पर तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल और दिल्ली सहित कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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