मप्र के जबलपुर में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक गुरुवार से

0
a627e0fdaa7ff055bf86ae991fff9251

जबलपुर{ गहरी खोज }: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक मध्य प्रदेश के जबलपुर में 30 अक्टूबर से 01 नवंबर तक आयोजित की गयी है। संघ की शताब्दी वर्ष की दृष्टि से यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने यहां मंगलवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि इस बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले पूरे समय उपस्थित रहेंगे। संघ के सभी छह सह-सरकार्यवाह, अखिल भारतीय कार्य विभागों के प्रमुख और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी बैठक में उपस्थित रहेंगे। देशभर के 46 प्रांतों से प्रमुख पदाधिकारी, प्रांत संघचालक, प्रांत कार्यवाह, सह प्रांत कार्यवाह, प्रांत प्रचारक, सह प्रांत प्रचारक और अन्य प्रमुख पदाधिकारी समेत कुल मिलाकर 407 कार्यकर्ता इस बैठक में अपेक्षित हैं। पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर और प्रदीप जोशी भी उपस्थित रहे। पत्रकार वार्ता में महाकौशल प्रांत के प्रचार प्रमुख विनोद कुमार भी मौजूद रहे।आंबेकर ने बताया कि तीन दिवसीय इस बैठक में संगठनात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर विस्तृत विचार होगा। इस निमित्त सभी प्रांतों ने अपनी-अपनी कार्ययोजना तैयार की है। बैठक में संघ के विभिन्न आयामों सामाजिक, शैक्षणिक, सेवा और सांस्कृतिक कार्यों पर भी विमर्श होगा।उन्होंने बताया कि बैठक में देश की मौजूदा सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पर भी गहन चिंतन-मनन होगा। इस दौरान “पंच परिवर्तन” जैसे प्रमुख अभियानों पर विशेष चर्चा होगी। उन्‍होंन बताया कि संघ शताब्‍दी वर्ष में एक लाख से अधिक स्थानों तक संघ कार्य पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत नवंबर 2025 से जनवरी 2026 के बीच संघ घर-घर संपर्क अभियान चलाएगा। इस अभियान के दौरान स्वयंसेवक समाज के हर वर्ग से मिलकर संघ के कार्यों और उद्देश्य की जानकारी देंगे। इसके साथ ही संघ से संबंधित साहित्य का वितरण और जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा। इस दौरान 15 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं को विशेष रूप से राष्ट्र निर्माण और सामाजिक कार्यों से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन के क्षेत्रों में सेवा कार्यों को नई गति दी जाएगी। अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख आंबेकर के अनुसार, इन सभी योजनाओं का मूल केंद्र “व्यक्ति निर्माण से समाज निर्माण और समाज निर्माण से राष्ट्र निर्माण” की भावना पर आधारित है। संघ का विश्वास है कि संस्कारित और संगठित समाज ही एक सशक्त राष्ट्र की नींव रख सकता है।
पंच परिवर्तन : सामाजिक नवजागरण की राहसंघ ने अपने आगामी कार्यकाल में “पंच परिवर्तन अभियान” को प्रमुखता दी है। यह एक पांच-सूत्री सामाजिक पहल है, जिसका उद्देश्य व्यक्ति, परिवार और समाज के समग्र उत्थान के लिए कार्य करना है। आंबेकर के अनुसार, पंच परिवर्तन के अंतर्गत निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं; सामाजिक समरसता के अंतर्गत जातिगत भेदभाव मिटाकर समाज में एकता और समानता की भावना को मजबूत करना। कुटुंब प्रबोधन में पारिवारिक मूल्यों, परंपराओं और संस्कारों को बढ़ावा देना ताकि परिवार समाज की मूल इकाई के रूप में मजबूत हो सके। वहीं पर्यावरण संरक्षण के तहत जल, वायु और भूमि के संरक्षण के लिए जागरुकता फैलाना और स्थानीय स्तर पर ठोस कदम उठाना। साथ ही स्वदेशी आचरण में स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत की भावना को सशक्त करना और नागरिक कर्तव्यों के पालन के अंतर्गत नागरिकों में राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी और कर्तव्य भावना को जगाना, यह सभी कार्य शताब्‍दी वर्ष में स्‍वयंसेवकों द्वारा प्रमुखता से किया जाएगा।
हिंदू सम्मेलन और नागरिक संवाद की रूपरेखाआंबेकर ने बताया कि संघ की आगामी योजनाओं में हिंदू सम्मेलन और प्रमुख नागरिक संवाद विशेष महत्व रखते हैं। शताब्दी वर्ष के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य हिंदू समाज में एकता, सद्भाव और भारतीय संस्कृति के प्रति गर्व की भावना को प्रबल करना है। इसी के साथ प्रबुद्ध नागरिकों के साथ संवाद कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। ये संवाद जिला स्तर पर होंगे, जिनमें राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। आंबेकर के अनुसार, इन संवादों का उद्देश्य राष्ट्रीय विचारधारा को समाज के सभी वर्गों तक ले जाना और सामूहिक दृष्टिकोण विकसित करना है। उन्होंने बताया कि शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों के निमित्त सरसंघचालक, सरकार्यवाह, सभी सह-सरकार्यवाह और अखिल भारतीय कार्य विभाग प्रमुखों सहित राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों की वर्ष की प्रवास योजना भी बनी है। जो देशभर में अलग-अलग स्‍थानों पर आयोजित होनेवाले इन सभी कार्यक्रमों, बैठकों में रहनेवाले हैं।आंबेकर ने विशेष तौर पर गुरु तेग बहादुर जी का जिक्र करते हुए कहा कि संघ उनका 350वां बलिदान दिवस मना रहा है। उन्होंने हिन्‍दू धर्म की रक्षार्थ अपने प्राणों का बलिदान दिया था। बैठक के दौरान गुरु तेग बहादुर जी और भगवान बिरसा मुंडा पर विशेष वक्‍तव्‍य संघ द्वारा जारी किया जाएगा। उनकी जयंतियों पर देशभर में विशेष आयोजन होंगे। एक सवाल पर आंबेकर ने कहा कि बैठक में देश एवं समाज की वर्तमान परिस्‍थ‍ितियों पर केंद्र‍ित महत्‍वपूर्ण विषयों पर सभी अपने अनुभव एवं जानकारी साझा करेंगे। आंबेकर ने स्पष्ट किया कि संघ का लक्ष्य किसी राजनीतिक दिशा में नहीं, बल्कि सामाजिक उत्थान और राष्ट्र पुनर्निर्माण की ओर है। संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में हुई थी। तब से लेकर आज तक संघ ने अपने कार्यों के माध्यम से समाज में संगठन, सेवा और संस्कार का संदेश फैलाया है। अब जब संघ अपने शताब्दी वर्ष में है तो उसकी दृष्टि भविष्य की ओर केंद्रित है; एक ऐसा भारत, जो आत्मनिर्भर, समरस और संगठित हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *