कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम के तहत 7 परियोजनाओं को मंजूरी
नई दिल्ली{ गहरी खोज }: मल्टी-लेयर प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी), एचडीआई पीसीबी, कैमरा मॉड्यूल, कॉपर क्लैड लैमिनेट और पॉलीप्रोपाइलीन फिल्म अब भारत में ही बनाई जाएंगी। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम (ईसीएमएस) के तहत 5,532 करोड़ रुपये मूल्य की 7 परियोजनाओं की पहली श्रृंखला को मंजूरी देने की घोषणा की।
तमिलनाडु (5), आंध्र प्रदेश (1) और मध्य प्रदेश (1) में फैली हुई हैं। सात परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं से 36,559 करोड़ रुपये मूल्य के कंपोनेंट का उत्पादन होगा और 5,100 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीसीबी की हमारी 20 प्रतिशत घरेलू मांग और कैमरा मॉड्यूल सब-असेंबली की 15 प्रतिशत मांग इन संयंत्रों के उत्पादन से पूरी की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि कॉपर क्लैड लैमिनेट की माँग अब पूरी तरह से घरेलू स्तर पर पूरी की जाएगी। इन संयंत्रों के माध्यम से होने वाले अतिरिक्त 60 प्रतिशत उत्पादन का निर्यात किया जाएगा।
मंत्रालय के अनुसार यह कदम भारत में तैयार उत्पादों के निर्माण से लेकर मॉड्यूल, घटकों, सामग्रियों और उनके निर्माण में प्रयुक्त मशीनरी के निर्माण तक की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ईसीएमएस योजना को घरेलू और वैश्विक दोनों कंपनियों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है। 249 आवेदन प्राप्त हुए हैं। ये 1.15 लाख करोड़ रुपये के निवेश, 10.34 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन और 1.42 लाख रोज़गार के सृजन का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी निवेश प्रतिबद्धता है।
उल्लेखनीय है कि कैमरा मॉड्यूल कॉम्पैक्ट इमेजिंग इकाइयां हैं जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में फ़ोटो और वीडियो कैप्चर करती हैं। भारत में इसके उत्पादन से स्मार्टफोन, ड्रोन, लैपटॉप, टैबलेट, चिकित्सा उपकरण, रोबोट और ऑटोमोटिव सिस्टम में इसका उपयोग संभव होगा। एचडीआई और मल्टी-लेयर पीसीबी मुख्य सर्किट बोर्ड हैं, जो प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को जोड़ते और नियंत्रित करते हैं। इनका उपयोग स्मार्टफोन, लैपटॉप, ऑटोमोटिव और औद्योगिक प्रणालियों में किया जाता है।
