आईआईटी कानपुर के प्रो अमित कुमार अग्रवाल राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित
कानपुर{ गहरी खोज }: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर अमित कुमार अग्रवाल को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार 2025 के अंतर्गत विज्ञान युवा–शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से एक है।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार, भारत सरकार द्वारा स्थापित एक प्रतिष्ठित सम्मान है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है। विज्ञान युवा – शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार श्रेणी विशेष रूप से 45 वर्ष से कम आयु के वैज्ञानिकों की उत्कृष्ट उपलब्धियों को सम्मानित करती है। प्रो. अग्रवाल की यह उपलब्धि आईआईटी कानपुर की मौलिक अनुसंधान में उत्कृष्टता की परम्परा और भारत के वैज्ञानिक भविष्य के निर्माण में उसकी अग्रणी भूमिका को और सशक्त बनाती है।
यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रो. अग्रवाल के सैद्धांतिक संघनित पदार्थ भौतिकी में किए गए नवोन्मेषी शोध को मान्यता देता है, विशेष रूप से क्वांटम ट्रांसपोर्ट, टोपोलॉजिकल मटेरियल और लो डायमेंशनल सिस्टम के क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए। वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के सेंटर फॉर हाई एनर्जी फिजिक्स के पहले पूर्व छात्र हैं। जिन्हें यह राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि आईआईटी कानपुर और भारतीय वैज्ञानिक समुदाय दोनों के लिए अत्यंत गर्व का क्षण है।
आईआईटी कानपुर में प्रो अग्रवाल सैद्धांतिक भौतिकी के क्षेत्र में अग्रणी वैज्ञानिकों में से एक बन चुके हैं। उनका शोध क्वांटम जियोमेट्री और क्वांटम मटेरियल में ट्रांसपोर्ट फिनॉमेना, डेंसिटी फंक्शनल थ्योरी के प्रयोग से नए 2D, टोपोलॉजिकल और मैगनेटिक मटेरियल का अध्ययन, प्लास्मोन्स और चार्ज डेंसिटी वेव्स जैसे कलेक्टिव एक्ससिताशन्स तथा नैनोस्केल डिवाइज मॉडलिंग पर केंद्रित है जो आधुनिक क्वांटम टेक्नोलॉजी से जुड़ा हुआ है। उनके शोध ने पदार्थों के क्वांटम व्यवहार की गहन समझ को आगे बढ़ाया है और भविष्य के नैनोइलेक्ट्रॉनिक व क्वांटम डिवाइज के डिज़ाइन में नई दिशा प्रदान की है।
सम्मान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रो. अग्रवाल ने कहा कि इस पुरस्कार से सम्मानित होना मेरे लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है। मेरा सफर क्वांटम वर्ल्ड को समझने की जिज्ञासा और अपने गुरुओं, सहयोगियों एवं छात्रों से मिली प्रेरणा से संचालित रहा है। आईआईटी कानपुर का भौतिकी विभाग 2012 से मेरा घर और मेरी कर्म भूमि रहा है—एक ऐसा स्थान जो स्वाभाविक जिज्ञासा, सीखने और उत्कृष्टता को निरंतर प्रेरित करता है।
