जब भारत ने दिखाया किफ़ायती, स्थायी और सर्वव्यापक कनेक्टिविटी का विज़न

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भारत सरकार 6G प्रौद्योगिकियों को उन्‍नत करने के उद्देश्य से कई रणनीतिक पहलों के माध्यम से देश को अगली पीढ़ी की कनेक्टिविटी की ओर ले जा रही है। किफ़ायत, स्‍थायित्‍व और सर्वव्यापकता के सिद्धांतों पर आधारित, भारत का 6G विज़न स्वदेशी नवाचार, उन्नत अनुसंधान एवं विकास और वैश्विक सहयोग के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। उद्योग, शिक्षा जगत और अनुसंधान संस्थानों की सक्रिय भागीदारी के साथ, भारत स्‍वयं को भविष्य की दूरसंचार प्रौद्योगिकियों के एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्‍थापित कर रहा है, जो 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण के व्यापक राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप है।
6G, या छठी पीढ़ी की वायरलेस प्रौद्योगिकी, 5G से अगली होगी और इंटरनेट कनेक्शन को काफ़ी तेज़ और सुचारू बनाएगी। यह 5G की तुलना में उच्च रेडियो आवृत्तियों का उपयोग करेगी, जिससे यह लगभग बिना किसी देरी के एक बार में ही बहुत बड़ा डेटा भी संभाल सकेगी।
6G नेटवर्क उन्नत इमेजिंग, सटीक लोकेशन ट्रैकिंग और जीवंत वर्चुअल अनुभव जैसी सुविधाओं को भी बेहतर बनाएगा। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के साथ मिलकर, यह इतना स्मार्ट हो जाएगा कि डेटा को कहाँ संग्रहीत, संसाधित और साझा करना है, यह स्वचालित रूप से तय कर सकेगा, जिससे प्रौद्योगिकी हर जगह अधिक कुशल और प्रतिक्रियाशील बन जाएगी। भारत 6G विज़न घोषणापत्र का उद्देश्य भारत को उन्नत दूरसंचार प्रौद्योगिकियों का एक अग्रणी आपूर्तिकर्ता बनाना है, जो विकसित भारत के उद्देश्यों के अनुरूप है। 5G का तेज़ी से प्रसार और घरेलू स्तर पर अपनाया जाना भारत के 6G विज़न की नींव रख रहा है, जिससे देश भावी दूरसंचार नवाचार में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित हो रहा है। 6G विज़न किफ़ायत, स्‍थायित्‍व और सर्वव्यापकता के सिद्धांतों पर आधारित है। 22 मार्च, 2023 को “भारत 6G विजन” दस्तावेज़ जारी किया गया, जिसमें भारत को साल 2030 तक 6G प्रौद्योगिकी के डिजाइन, विकास और कार्यान्‍वयन में अग्रणी योगदानकर्ता के रूप में देखा गया। देश में अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 6G टीएचजेड टेस्टबेड और एडवांस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन टेस्टबेड नामक दो टेस्टबेड को वित्तपोषित करना
देश में क्षमता निर्माण और 6G-रेडी शैक्षणिक और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए वित्त वर्ष 2023-24 में भारत भर के शैक्षणिक संस्थानों में 100 5G प्रयोगशालाओं को मंजूरी 6G प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक रोडमैप के अनुरूप अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 6G नेटवर्क पारिस्थितिकी तंत्र पर 104 अनुसंधान प्रस्तावों को मंजूरी भारत 6G अलायंस (B6GA) भारतीय उद्योग, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं, शिक्षा जगत, राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों और मानक संगठनों की एक पहल है। सरकार और उद्योग द्वारा समर्थित, यह उन्नत संचार प्रौद्योगिकियों के लिए एक आत्मनिर्भर, विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने हेतु स्वदेशी 6G अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देता है। अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और मल्टी-चिप मॉड्यूल, SoCs और उन्नत IoT अनुप्रयोगों पर नवाचार के फोकस के साथ, भारत का लक्ष्य वैश्विक 6G आंदोलन का नेतृत्व करना है। B6GA एक उद्योग-नेतृत्व वाला निकाय है, जिसे सरकार द्वारा सुविधा प्रदान की जाती है, जो सार्वजनिक/निजी कंपनियों, शिक्षा जगत, अनुसंधान संस्थानों और मानक विकास संगठनों सहित प्रौद्योगिकी क्षेत्र के हितधारकों को एक सहयोगी मंच प्रदान करता है। भारत 6G अलायंस ने 6G के विभिन्न डोमेन, जैसे स्पेक्ट्रम, प्रौद्योगिकी, अनुप्रयोग, हरित तथा स्‍थायित्‍व और उपयोग के मामलों पर सात कार्य समूहों का गठन किया है।
वैश्विक संचार के भविष्य को पुनर्परिभाषित करने की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए, भारत 6G एलायंस ने NextG एलायंस (अमेरिका), 6G IA (यूरोप), 6G फ्लैगशिप ओउलू यूनिवर्सिटी (फिनलैंड), 6G फोरम दक्षिण कोरिया, XGMF जापान, NGMN एलायंस, 5G ACIA, UKI FNI, UK TIN, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और 6G ब्रासील (ब्राज़ील) जैसे अग्रणी अनुसंधान गठबंधनों के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान और मानकीकरण हेतु एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। राष्ट्रीय तालमेल का उपयोग करने के लिए इसका TSDSI और NASSCOM के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) है। 6G अनुसंधान गठबंधनों के साथ ये समझौता ज्ञापन लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं सहित सुरक्षित और विश्वसनीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी के विकास को और सक्षम बनाएंगे।

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