खाद की किल्लत को लेकर कमलनाथ ने सरकार पर साधा निशाना
भाेपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश में लगभग पौने तीन लाख किसान खाद की कमी का सामना कर रहे हैं। इन किसानों को सहकारी बैंकों से खाद नहीं मिल पा रही है, जिसका मुख्य कारण यह है कि इन पर मध्य प्रदेश सरकार का करीब 2,000 करोड़ रुपये का लोन बकाया है। जिला सहकारी समितियों ने इन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। किसानाें की स्थिति काे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्हाेंने भाजपा सरकार की तुलना अंग्रेजाें के राज से करते हुए जमकर हमला बाेला है।
कमलनाथ ने शनिवार काे साेशल मीडिया एक्स पर पाेस्ट कर लिखा किसानों पर ऐसे अत्याचार तो अंग्रेजों के राज में भी नहीं हुए, जिस तरह के अत्याचार भाजपा की सरकारें कर रही हैं। प्रदेश के 4.5 लाख के क़रीब किसानों को खाद आपूर्ति बंद कर देना ऐसी ही क्रूरता है। अब स्पष्ट हो रहा है कि पिछले कई महीने से मध्य प्रदेश में किसान खाद प्राप्त करने के लिए क्यों लाठियां खा रहे हैं? यह खाद का संकट नहीं था बल्कि सरकार की ओर से किसानों को खाद से वंचित करने का षड्यंत्र था।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि एक तरफ़ मेरे नेतृत्व में बनी कांग्रेस पार्टी की सरकार थी जिसने 2019 में मध्य प्रदेश के 27 लाख किसानों का कर्ज़ माफ़ किया था, तो दूसरी तरफ़ भाजपा की सरकार है जो कर्ज़ माफ़ करना तो दूर, किसानों को डिफाल्टर बनाकर ज़बरन वसूली करने के लिए उन्हें खाद तक से वंचित कर रही हैं। उन्हाेंने कहा कि मैं सरकार से माँग करता हूँ कि किसानों के ऊपर जो भी बकाया राशि है उसे तत्काल माफ़ किया जाए और प्रदेश के एक-एक किसान को समुचित मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाए।
