सभी सिस्टम और प्रक्रियाओं की जांच के साथ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर क्यूआरएटी ट्रायल पूरा

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Noida-Airport

नोएडा { गहरी खोज }: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ऑपरेशनल रेडिनेस एंड एयरपोर्ट ट्रांसफर (क्यूआरएटी) कार्यक्रम के तहत उन्नत टर्मिनल ट्रायल (एडवांस्ड टर्मिनल ट्रायल) सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। यह ट्रायल एयरपोर्ट के तैयारियों के स्तर की वास्तविक परख थी, जिसमें सभी सिस्टम, प्रक्रियाओं और टीमों की समन्वय क्षमता की जांच की गई।
इस उन्नत ट्रायल के दौरान कर्मचारियों ने स्वयं यात्री की भूमिका निभाई और एयरपोर्ट के हर संचालन चरण का अनुभव किया। कर्मचारियों ने टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश से लेकर चेक-इन, सिक्योरिटी चेक, बैगेज हैंडलिंग, वेटिंग एरिया, बोर्डिंग गेट और अंत में एयरोब्रिज के माध्यम से विमान में सवार होने की पूरी प्रक्रिया को सिम्युलेट किया। इस दौरान एयरपोर्ट पर फ्लाइट इंफॉर्मेशन डिस्प्ले सिस्टम पर वास्तविक समय में उड़ानों की जानकारी प्रदर्शित की गई और अनाउंसमेंट सिस्टम के माध्यम से वास्तविक जैसी घोषणाएं की गईं।
ट्रायल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि एयरपोर्ट का हर विभाग- चाहे वह सुरक्षा हो, यात्री प्रबंधन, बैगेज हैंडलिंग, एयर ट्रैफिक सपोर्ट या तकनीकी संचालन सुचारू रूप से काम कर रहा है। इस ट्रायल के माध्यम से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की टीम ने यह प्रदर्शित किया कि एयरपोर्ट अपने निर्धारित समय पर संचालन शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
ट्रायल के दौरान प्रतिभागियों ने बैगेज जमा करने से लेकर बोर्डिंग गेट तक के सफर को उसी तरह पूरा किया जैसे कोई वास्तविक यात्री करता है। सुरक्षा जांच के बाद कर्मचारी एस्केलेटर के जरिए कोर्टयार्ड क्षेत्र तक पहुंचे, जहां से अनाउंसमेंट होने पर वे बोर्डिंग के लिए आगे बढ़े। इसके बाद यात्रियों ने एयरोब्रिज के रास्ते विमान तक पहुंचने की प्रक्रिया का भी सफल परीक्षण किया।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आधुनिक तकनीक, विश्वस्तरीय यात्री सुविधाओं और सस्टेनेबल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जाना जाएगा। क्यूआरएटी कार्यक्रम के तहत आयोजित यह उन्नत ट्रायल न केवल एयरपोर्ट की संचालन क्षमता की पुष्टि करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि एयरपोर्ट विश्वस्तरीय मानकों पर यात्रियों का स्वागत करने के लिए तैयार है। अधिकारियों के अनुसार, आने वाले हफ्तों में अन्य चरणों के भी ट्रायल किए जाएंगे ताकि हर सिस्टम को पूर्ण रूप से परखा जा सके और संचालन के दिन किसी भी प्रकार की चुनौती न रहे।

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