स्टार क्रिकेटर तिलक वर्मा को थी ऐसी दुर्लभ बीमारी, बाल-बाल बची किडनी, जानें लक्षण
लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: आपको बता दें कि कई लोगों के दिलों में जगह बना चुके क्रिकेटर तिलक वर्मा साल 2022 में रैबडोमायोलिसिस नामक रेयर डिजीज का शिकार बन गए थे। आइए जानते हैं कि इस बीमारी के बारे में डॉक्टर अखिलेश यादव ने क्या-क्या बताया। डॉ. अखिलेश यादव आर्थोपेडिक्स एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली के डायरेक्टर हैं। डॉक्टर ने इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी दी है।
रैबडोमायोलिसिस नामक दुर्लभ बीमारी
रैबडोमायोलिसिस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है जिसमें शरीर की मांसपेशियां तेजी से टूटने लगती हैं और उनसे निकलने वाले प्रोटीन खून के जरिए किडनी तक पहुंचकर उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। डॉ. अखिलेश यादव ने बताया कि अगर समय पर इलाज न हो तो इस बीमारी के कारण किडनी फेल होने जैसी गंभीर स्थिति भी पैदा हो सकती है। दरअसल, मांसपेशियों में गहरी चोट लगने से, अत्यधिक व्यायाम करने से, मसल्स पर लंबे समय तक दबाव पड़ने से या ऑक्सीजन की कमी से मसल सेल्स टूट जाते हैं और मांसपेशियों से निकलने वाला मायोग्लोबिन रक्त में बढ़ जाता है जिससे किडनी पर बोझ पड़ने लगता है।
रैबडोमायोलिसिस के लक्षण और कारण
रैबडोमायोलिसिस के मुख्य लक्षणों में मांसपेशियों में तेज दर्द और सूजन, पेशाब का रंग गहरा भूरा या लाल होना, थकान, कमजोरी और चक्कर आना, पेशाब कम आना या बंद होना और बुखार या उल्टी जैसे लक्षण शामिल हैं। इसके अलावा अगर इस बीमारी के मुख्य कारणों की बात की जाए तो आमतौर पर ओवरट्रेनिंग, दुर्घटना, क्रश इंजरी, बिजली का झटका, कुछ दवाइयां, शराब का ज्यादा सेवन या कुछ संक्रमण इस बीमारी को जन्म दे सकते हैं। कई बार जिम में अचानक बहुत भारी वर्कआउट करने वाले युवाओं को भी इस बीमारी से जूझना पड़ सकता है।
क्या है उपचार और बचाव?
डॉ. अखिलेश यादव ने बताया कि समय पर इस बीमारी की पहचान और इलाज बेहद जरूरी है। शुरुआती इलाज में शरीर में पर्याप्त मात्रा में लिक्विड देना और किडनी को सुरक्षित रखना प्राइमरी स्टेप होता है। अत्यधिक पसीना, दर्द या पेशाब के रंग में बदलाव दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए। इस बीमारी से बचाव के लिए आपको नियमित व्यायाम जरूर करना चाहिए लेकिन अपनी क्षमता से ज्यादा शरीर पर दबाव डालने से बचना चाहिए। इसके अलावा पर्याप्त पानी पिएं और ओवरएक्सर्शन से बचें।
