श्रीलंका की प्रधानमंत्री ने किया दिल्ली के सरकारी स्कूल का दौरा

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने शैक्षिक भ्रमण के तहत शुक्रवार को श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरीनी अमरसूरिया के साथ सर्वोदय को-एड विद्यालय रोहिणी का दौरा किया। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने श्रीलंका की प्रधानमंत्री को स्कूल की गतिविधियों, शिक्षा व्यवस्था, नई शिक्षण प्रणाली से अवगत कराया।
शिक्षा मंत्री ने डॉ. हरीनी अमरसूरिया को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में किए जा रहे संरचनात्मक बदलावों, अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट कक्षाओं, नई शिक्षण पद्धतियों तथा डिजिटल शिक्षा प्रणाली की विस्तृत जानकारी दी।
स्कूल भ्रमण के दौरान डॉ. अमरसूरिया ने स्कूल के विद्यार्थियों और शिक्षकों से कई विषयों पर संवाद कर जानकारी ली। छात्रों ने उनके साथ अपने प्रोजेक्ट्स और डिजिटल लर्निंग के अनुभव साझा किए जिनसे श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल अत्यंत प्रभावित हुआ।
श्रीलंका की प्रधानमंत्री ने दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा कि यह मॉडल विकासशील देशों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकता है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों को देखने और इनकी शिक्षण व्यवस्था की जानकारी के लिए विदेश के प्रधानमंत्री स्वयं आए हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूल आज दुनिया के लिए एक उदाहरण बन रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा की हमारे लिए शिक्षा केवल रोजगार का ही नहीं बल्कि समाज में समानता और प्रगति का सबसे सशक्त माध्यम भी है।
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री डॉ. अमरसूरिया का यह दौरा भारत और श्रीलंका के बीच शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग और संवाद को और मजबूत करेगा। दोनों देशों का यह साझा विश्वास है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही किसी देश के विकास और प्रगति की नींव है।
आशीष सूद न कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार लगातार अपने विद्यालयों को भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप तैयार कर रही है ताकि हर बच्चा आधुनिक शिक्षा, तकनीक और नई शिक्षा प्रणाली से रूबरू हो सके। उन्होंने यह भी बताया की श्रीलंका की प्रधानमंत्री का इस स्कूल का यह दौरा केवल एक विद्यालय भ्रमण नहीं बल्कि दिल्ली की नई शिक्षा पद्धति की सफलता का प्रतीक भी है। इस दौरे से दक्षिण एशिया के दो लोकतांत्रिक देशों के बीच ज्ञान एवं सहयोग की नई दिशा का आरंभ भी होगा।

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