सोनी सब का ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’: दिल टूटा और एक मुश्किल फैसला- क्या दीप्ति अपना बच्चा प्रार्थना को दे देगी?

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मुंबई{ गहरी खोज } : सोनी सब का लोकप्रिय शो ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ अपनी प्रेरणादायक कहानी और दिल छू लेने वाले किरदारों के जरिए दर्शकों के दिलों को जीत रहा है। जैसे-जैसे पुष्पा (करुणा पांडे) अपने वकील बनने के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे उसे ऐसे नए संघर्षों का सामना करना पड़ता है, जो उसकी दृढ़ता और रिश्तों की गहराई दोनों की परीक्षा लेते हैं।
आने वाले एपिसोड्स में दर्शक प्रार्थना (इंद्राक्षी कंजिलाल) की जिंदगी में एक बड़ा मोड़ देखेंगे। सालों की मेहनत और लगन के बाद वह अपने जिंदगी भर के सपने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए आखिरकार अपना आईपीएस इंटरव्यू पास कर लेती है। लेकिन, उसकी खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिकती, जब उसे पता चलता है कि वह कभी माँ नहीं बन पाएगी। प्रार्थना के दर्द को देखकर दीप्ति एक बेहद निःस्वार्थ और भावनात्मक फैसला लेती है, वह अपने बच्चों में से एक को प्रार्थना को देना चाहती है। हालाँकि, यह भावनात्मक कदम उनके परिवार में मतभेद का कारण बन जाता है, क्योंकि अश्विन इस फैसले का कड़ा विरोध करता है। अब सवाल यह है कि क्या यह भावनात्मक टकराव उनके रिश्तों को और मजबूत करेगा या उन्हें तोड़ देगा दीप्ति का किरदार निभा रहीं गरिमा परिहार कहती हैं, “दीप्ति सिर्फ एक माँ नहीं, बल्कि वह एक ऐसी औरत है, जो त्याग और निःस्वार्थ प्रेम का सच्चा अर्थ समझती है। इस किरदार को निभाते हुए मैंने महसूस किया कि एक औरत के भीतर मातृत्व की भावना कितनी गहरी होती है। प्रार्थना का दर्द देखकर मेरा दिल भर आया और उसी पल उसे अपना एक बच्चा देने की इच्छा, एक निर्णय से बढ़कर प्रेम और बहन होने की भावना का प्रतीक बन गई। मातृत्व केवल जन्म देने से नहीं होता, कभी-कभी यह प्रेम का उपहार साझा करने और किसी और को उसे महसूस करने का मौका देने से भी होता है।”
प्रार्थना का किरदार निभा रहीं इंद्राक्षी कंजिलाल ने कहा, “प्रार्थना की यात्रा उसके सपनों, संघर्षों और हिम्मत की कहानी है। मेरी कोशिश यही रही है कि उसकी हर भावना को सच्चाई के साथ पर्दे पर उतारूँ। आईपीएस इंटरव्यू क्लियर करना उसके लिए सालों की मेहनत का फल था, लेकिन वह खुशी जल्दी ही एक गहरे दर्द में बदल जाती है। जब उसे पता चलता है कि वह कभी माँ नहीं बन सकेगी, वह पल बेहद दर्दनाक होता है। इस भाव को पर्दे पर दिखाना चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से भी बहुत भावनात्मक अनुभव था। इससे मुझे एहसास हुआ कि परिवार सिर्फ खून के रिश्तों से नहीं बनता, बल्कि उन लोगों से बनता है, जो आपके साथ खड़े रहते हैं, बिना शर्त प्यार करते हैं और आपको आगे बढ़ने की हिम्मत देते हैं। एक कलाकार के रूप में ऐसे पल आपके भीतर गूँजते रहते हैं, वे आपके किरदार को ही नहीं, बल्कि रिश्तों, प्रेम और ‘घर’ के मायने को भी बदल देते हैं।” देखिए ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’, सोमवार से शनिवार, रात 9:30 बजे, सिर्फ सोनी सब पर।

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