छोटे किसानों के लिए वैश्विक उदाहरण बना यूपी का लचीला कृषि मॉडल: विश्व बैंक

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लखनऊ{ गहरी खोज }: विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष अजय बंगा ने उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के एकीकरण के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्य के “लचीले खेती मॉडल” को छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक वैश्विक उदाहरण बताया। विश्व बैंक की 2025 की वार्षिक बैठकों के दौरान आयोजित AgriConnect फ्लैगशिप इवेंट में बोलते हुए, बंगा ने उत्तर प्रदेश मॉडल को प्रस्तुत किया। राज्य के सूचना निदेशक विशाल सिंह ने बताया कि बंगा ने मई में प्रदेश का दौरा किया था और स्वयं इस मॉडल को देखा था।
राज्य सरकार के बयान के अनुसार, बंगा ने योगी आदित्यनाथ सरकार की इस बात के लिए प्रशंसा की कि उसने ऐसा कृषि तंत्र विकसित किया है जो डिजाइन से ही लचीला है, जिसमें जलवायु अनुकूलता शुरुआत से ही शामिल की गई थी, न कि बाद में जोड़ी गई। बंगा ने अपने भाषण में कहा, “उत्तर प्रदेश अपने किसानों के माध्यम से जलवायु चुनौतियों का जिस तरह सामना कर रहा है, वह वास्तव में उल्लेखनीय है।”
बयान के अनुसार, विश्व बैंक प्रमुख ने बताया कि कैसे राज्य में ऊष्मा-सहिष्णु बीज, मिट्टी-उपयुक्त उर्वरक, पुनर्योजी कृषि पद्धतियाँ, कुशल सिंचाई व्यवस्था, और मजबूत बीमा व वित्त प्रणाली किसानों को एक खराब मौसम के बावजूद सुरक्षित रखती हैं। बंगा ने जोर दिया कि डिजिटल तकनीक पूरे सिस्टम को जोड़ने वाला गोंद (glue) है।
उन्होंने कहा कि अब साधारण AI उपकरण और मोबाइल फोन किसानों को फसल रोग पहचानने, उर्वरक उपयोग में मार्गदर्शन, मौसम की चेतावनी देने और सुरक्षित डिजिटल भुगतान सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।
बंगा ने अपने पूर्व दौरे को याद करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने दिखाया है कि लचीलापन, सहकारी ढांचा और डिजिटल उपकरण मिलकर एक जीवंत और विस्तार योग्य पारिस्थितिकी तंत्र बना सकते हैं। उन्होंने कहा, “यह मॉडल काम करता है। यह एक प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट है।” बयान में कहा गया कि इस मॉडल की सफलता सरकारों, व्यवसायों और विकास साझेदारों के बीच समन्वय पर निर्भर करती है।
हाल ही में विश्व बैंक और उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘UP AGREES (UP Agriculture Growth and Rural Enterprise)’ परियोजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य तकनीक और वित्त के माध्यम से राज्य की कृषि प्रणालियों को सशक्त बनाना है। यह पहल सीधे तौर पर लगभग 10 लाख छोटे और सीमांत किसानों को लाभ पहुंचाएगी। राज्य ने एक डिजिटल कृषि पारिस्थितिकी ढांचा भी तैयार किया है, जो मौसम, बीज, बाजार और बीमा की रीयल-टाइम जानकारी प्रदान करेगा। मई में यूपी दौरे के दौरान बंगा ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश “स्मार्ट कृषि परिवर्तन” का एक मॉडल बनकर उभर रहा है, और दुनिया को ऐसे समग्र ढाँचों को अपनाना चाहिए ताकि छोटे किसानों की आजीविका टिकाऊ बनाई जा सके।

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