ग्रामीण अर्थव्यवस्था व हुनर को मिलेगी वैश्विक पहचान : जयवीर सिंह

0
1683310-

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की जमीनी पहल, प्रशिक्षित ग्रामीण महिलाओं ने बनाए 5 लाख दीये

लखनऊ{ गहरी खोज }: दीपोत्सव-2025 की तैयारियों के तहत उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर पर पहल की है। इस दीप पर्व पर ग्रामीण महिलाओं के हाथों से बने लगभग पांच लाख दीयों से रामनगरी जगमगाएगी। इन दीयों की चमक न केवल दीपोत्सव की दिव्यता को और बढ़ाएगी, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। पर्यटन मंत्री ने बताया कि ‘हमारा प्रयास है कि दीपोत्सव सिर्फ रोशनी का उत्सव न रहकर सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बने। ग्रामीण महिलाएं इस प्रयास की प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण पर्यटन एवं ग्रामीण होम स्टे विकास कार्यक्रम परियोजना अंतर्गत महिलाओं को दीये बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। 15 अक्टूबर से दीये अयोध्या पहुंचने लगे।’
अयोध्या के गौराछार, रामपुरवा और बाराबंकी जिले के भगहर झील क्षेत्र के गांवों की महिलाओं ने दीपोत्सव-2025 को ध्यान में रखते हुए लगभग 5 लाख पारंपरिक मिट्टी के दीये तैयार किए हैं। ये हस्तनिर्मित दीये पवित्र नगरी अयोध्या को दीपोत्सव के अवसर पर और अधिक आकर्षक बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। पर्यटन विभाग का मानना है कि दीप निर्माण से जुड़े परिवारों के लिए यह साल भर की आमदनी का व्यापक जरिया दे जाता है।
दीपोत्सव के दौरान अयोध्या के राम कथा पार्क में ग्रामीण महिलाओं को अपने दीयों और हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री के लिए नि:शुल्क स्टॉल प्रदान किए जा रहे हैं। इस पहल के माध्यम से हजारों पर्यटक और श्रद्धालु न केवल अयोध्या के दिव्य दीपोत्सव का आनंद लेंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश की ग्रामीण परंपराओं और शिल्पकला के भी साक्षी बनेंगे। पर्यटन विभाग का उद्देश्य ग्रामीण पर्यटन को इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन से जोड़कर स्थानीय समुदाय की भागीदारी और आय में वृद्धि करना है, ताकि ग्रामीण पृष्ठभूमि के कारीगरों और महिलाओं की मेहनत को वैश्विक स्तर पर मान्यता और सराहना मिले।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ‘दीपोत्सव केवल भक्ति और सांस्कृतिक आस्था का पर्व नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण सशक्तिकरण और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को भी प्रस्तुत करता है। इस वर्ष हमने दीपोत्सव को ग्रामीण पर्यटन से जोड़ने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। ग्रामीण महिलाओं ने अपने हाथों से लाखों दीये तैयार किए हैं, जो रामनगरी की रोशनी का प्रतीक बनेंगे। यह दृश्य न केवल अयोध्या की पवित्रता और सौंदर्य को बढ़ाएगा, बल्कि ग्रामीण अंचलों को रोजगार, स्वाभिमान और पहचान से प्रकाशित भी करेगा। हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद की पारंपरिक कला और संस्कृति को पर्यटन के माध्यम से विश्व स्तर पर पहचान दिलाना है, ताकि स्थानीय हुनर को विशिष्ट पहचान मिले।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *