भारतीय शेयर बाजार में DII का ऐतिहासिक योगदान: अब तक का सबसे बड़ा निवेश, ₹6 लाख करोड़ पार

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नयी दिल्ली { गहरी खोज }: घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार में 2025 में अब तक करीब 6 लाख करोड़ रुपए निवेश किए हैं। यह 2007 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की ओर से डेटा एकत्रित करने की शुरुआत के बाद से अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों से मुताबिक, इस मजबूत घरेलू निवेश ने कैलेंडर वर्ष 2025 के दौरान विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा की गई बिकवाली के प्रभाव को संतुलित कर दिया, जिन्होंने भारतीय इक्विटी से 23.3 अरब डॉलर या 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक की निकासी की है।
नेट डीआईआई निवेश, जिसमें बैंकों, डीएफआई, पेंशन योजनाओं और म्यूचुअल फंडों को शामिल किया जाता है, कैलेंडर वर्ष 2024 में 5.26 लाख करोड़ रुपए से अधिक था, जो इक्विटी के लिए बढ़ते घरेलू समर्थन को दर्शाता है।
हालांकि, एफपीआई ने कैलेंडर वर्ष 2025 में प्राथमिक बाजार और अन्य माध्यमों से घरेलू इक्विटी में 49,590 करोड़ रुपए का निवेश किया है। विश्लेषकों ने अनुमान लगाया कि आगे भी यह गति बनी रहेगी, जिसका मुख्य कारण एसआईपी प्रवाह है, जो बाजार में गिरावट के बावजूद भी मजबूत बना हुआ है।
कई रिपोर्टों के अनुसार, लेहमन संकट के बाद, जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने पैनिक में बिकवाली शुरू की थी, उस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII)को खरीदारी से फायदा हुआ था। विश्लेषकों के अनुसार, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने बीएफएसआई, पूंजीगत वस्तुओं, स्वास्थ्य सेवा और ऑटो क्षेत्रों में अपना निवेश बढ़ाया है।
डीआईआई के प्रवाह ने एफआईआई के बिकवाली दबाव, प्रमोटरों द्वारा बड़ी मात्रा में बिकवाली और निजी इक्विटी फंडों द्वारा मुनाफावसूली को कम करने में मदद की। हालांकि, मजबूत घरेलू प्रवाह के बावजूद व्यापक लाभ नहीं हुआ है। पिछले 12 महीनों में सभी बाजार पूंजीकरणों के सूचकांकों ने स्थिर से लेकर नकारात्मक प्रदर्शन किया है।
हालांकि, सालाना आधार पर सेंसेक्स और निफ्टी सूचकांक ने क्रमशः 5.11 प्रतिशत और 6.56 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 5.6 प्रतिशत गिरा है, जबकि बीएसई मिडकैप सूचकांक ने 1.6 प्रतिशत का नकारात्मक रिटर्न दिया है।

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