पूर्व सैनिकों और आश्रितों के लिए वित्तीय सहायता सौ फीसदी बढ़ेगी, रक्षा मंत्रालय की मंजूरी

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय सैनिक बोर्ड के माध्यम से पूर्व सैनिक कल्याण विभाग की योजनाओं में पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए वित्तीय सहायता में 100 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। विवाह अनुदान को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति लाभार्थी कर दिया गया है। इसके अलावा गरीबी अनुदान को दोगुना कर दिया गया है।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार गरीबी अनुदान को दोगुना करके प्रति लाभार्थी 4,000 रुपये से 8,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। इसलिए अब उन 65 वर्ष से अधिक आयु के गैर-पेंशनभोगी पूर्व-सैनिकों और उनकी विधवाओं को आजीवन निरंतर सहायता मिलेगी, जिनकी कोई नियमित आय नहीं है। इसके अलावा दो आश्रित बच्चों (कक्षा 1 से स्नातक तक) या दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कर रही विधवाओं के लिए शिक्षा अनुदान 1,000 रुपये से बढ़ाकर 2,000 रुपये प्रति व्यक्ति प्रतिमाह कर दिया गया है। विवाह अनुदान को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति लाभार्थी कर दिया गया है। यह अनुदान पूर्व-सैनिकों की अधिकतम दो पुत्रियों और विधवा पुनर्विवाह के लिए मिलेगा।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि संशोधित दरें अगले माह एक नवंबर से जमा किए गए आवेदनों पर लागू होंगी, जिसका वार्षिक वित्तीय भार लगभग 257 करोड़ रुपये एएफएफडीएफ से वहन किया जाएगा। इन योजनाओं का वित्तपोषण रक्षा मंत्री भूतपूर्व सैनिक कल्याण कोष के माध्यम से किया जाता है, जो सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष (एएफएफडीएफ) का एक उपसमूह है। यह निर्णय गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिकों, विधवाओं और निम्न-आय वर्ग के आश्रितों के लिए सामाजिक सुरक्षा जाल को मजबूत करेगा, जो पूर्व सैनिकों की सेवा और बलिदान का सम्मान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता है।

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