मंगोलिया के नागरिकों को निशुल्क ई-वीजा देगा भारत: मोदी

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को मंगोलिया के विकास में मजबूत और विश्वसनीय साझेदार बताते हुए दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर मंगोलिया के नागरिकों के लिए निशुल्क ई -वीजा की घोषणा की है।
श्री मोदी ने भारत की यात्रा पर आए मंगोलिया के राष्ट्रपति हुरेलसुख उखना के साथ यहां द्विपक्षीय वार्ता के बाद संयुक्त वक्तव्य में कहा कि भारत मंगोलिया के विकास में एक दृढ़ और विश्वसनीय साझेदार रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति हुरेलसुख की यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब भारत और मंगोलिया के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष और रणनीतिक भागीदारी के 10 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि छह वर्ष के बाद मंगोलिया के राष्ट्रपति का भारत आना अपने आप में एक बहुत विशेष अवसर है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर महत्वपूर्ण निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि भारत मंगोलिया के नागरिकों को निःशुल्क ई-वीजा देगा और हर वर्ष मंगोलिया से युवा ‘कल्चरल एम्बेसडर्स’ की भारत यात्रा की भी व्यवस्था करेगा।
श्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच दस वर्ष पहले हुई रणनीतिक साझेदारी का विस्तार हुआ है और यह प्रगाढ हुई है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग भी लगातार मजबूत हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा , ” भारत और मंगोलिया के संबंध केवल राजनयिक नहीं है यह हमारे बीच आत्मीय और आध्यात्मिक बंधन है। हमारे संबंधों की असली गहराई और व्यापकता हमारे लोगों के बीच संपर्क में दिखाई पड़ती है।”
प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच अध्यात्मिक संबंधों का उल्लेख करते हएु कहा कि अगले वर्ष भगवान बुद्ध के दो महान शिष्यों — सारिपुत्र और मौद्गल्या-यन के पवित्र अवशेष भारत से मंगोलिया भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत मंगोलिया की ‘गंदन मॉनेस्टेरी’ में एक संस्कृत शिक्षक भी भेेजेगा ताकि वहां के बौद्ध ग्रंथों का गहराई से अध्ययन किया जा सके और प्राचीन ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाया जा सके
श्री मोदी ने मंगोलिया में बौद्ध धर्म के लिए नालंदा विश्वविद्यालय की अहम भूमिका का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि नालंदा और ‘गंदन मॉनेस्टेरी’ को साथ जोड़कर हम इस ऐतिहासिक संबधो में एक नयी उर्जा लायेंगे।
इस अवसर पर दोनों नेताओं ने वृक्षारोपण भी किया। श्री मोदी ने कहा , ” राष्ट्रपति हुरेलसुख ने अपनी स्वर्गीय माताजी के नाम पर जो वटवृक्ष लगाया है, वह आने वाली कई पीढ़ियों तक हमारी गहरी मित्रता और पर्यावरण के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक रहेगा। “

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