मासूम की चाेरी और खरीद-फराेख्त में छह गिरफ्तार

हरिद्वार{ गहरी खोज }: कलियर थाना क्षेत्र में दरगाह के पास से चोरी हुए बच्चे को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है। पुलिस ने बच्चों की खरीद-फरोख्त में शामिल छह आरोपितों को भी गिरफ्तार किया है। बच्चे को चोरी करने के बाद उसका चार लाख नब्बे हजार में सौदा किया गया, जिसमें से एक लाख की रकम ऑनलाइन भेजी गई थी।
कलियर थाने में मामले का खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल ने बताया कि 11 अक्टूबर को अमरोहा ज्योतिबा फुले नगर निवासी जहीर अंसारी अपनी पत्नी और तीन माह के बेटे के साथ जियारत के लिए कलियर आया था। 10 अक्टूबर की रात बिताने के लिए पति-पत्नी और बच्चा एक दुकान के पास रुक गए। देर रात दो महिलाएं उनके पास आई और कुछ लोगों द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत करते हुए वहां रुक गई। इस दौरान दोनों अंजान महिलाओं ने दंपत्ति से जान पहचान बढ़ाई और घुलना-मिलना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद अंजान महिलाओं में से एक उसे चाय पिलाने के बहाने अपने साथ ले गई। इस दौरान दूसरी महिला सो रही उसकी पत्नी की गोद से बच्चा चुराकर भाग गई। इस संबंध में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बच्चे की तलाश शुरू की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमों का गठन किया गया। जांच के दौरान जुटाए गए मैनुअल व डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर पुलिस टीम मेरठ पंहुची तो उनके हाथ इस पूरी वारदात की एक अहम कड़ी लगी, जिसका नाम था आस मोहम्मद लंगड़ा। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने पहले आस मौहम्मद की पत्नी शहनाज (अज्ञात महिलाओं में से एक) और फिर सलमा (दूसरी अज्ञात महिला) तक पहुंची और उनसे पूरे घटनाक्रम की पूछताछ की। पूछताछ में बच्चा चोरी के बाद उसके बेचने की पूरी चेन की परत खुली और पुलिस टीम ने अन्य संदिग्ध महिला अंचन, नेहा शर्मा और बच्चे के अंतिम खरीददार विशाल गुप्ता उर्फ अच्ची को दबोचा।
एसएसपी प्रमेन्द्र डोभाल ने बताया कि पुलिस की पकड़ में आए विशाल गुप्ता की शादी को 10 साल होने के बाद भी कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह अपना और अपनी पत्नी का प्रेम अस्पताल मेरठ में इलाज करा रहा था। जहां नेहा शर्मा बतौर पैसेन्ट कोर्डिनेटर काम कर रही थी। इलाज के दौरान विशाल गुप्ता ने नेहा शर्मा को बताया कि अगर कोई गरीब अपने बच्चों की परवरिश नहीं कर पा रहे हैं तो वह बच्चे का लालन-पालन करने को तैयार हैं। ये बात जानकर नेहा शर्मा एवं अन्य ने कलियर जैसे भीड़भाड वाले इलाके से बच्चा चोरी का प्लान बनाया।
योजना के मुताबिक बच्चा चोरी करने में सफल होने पर शहनाज व सलमा को आस मोहम्मद लंगड़ा ने बुक की गई स्विफ्ट डिजायर के जरिए बच्चे सहित कलियर से लेकर फरार हो गया था। इन्होंने बच्चा तीन लाख में अंचन को और अंचन द्वारा तीन लाख नब्बे हजार में नेहा शर्मा को बेचा। अन्त में नेहा शर्मा ने भी 01 लाख रुपये का लाभ कमाते हुए बच्चे को कुल चार लाख नब्बे हजार रुपये में विशाल गुप्ता को बेच दिया।
पूछताछ से मिली जानकारी के आधार पर नाबालिक शिशु को विशाल गुप्ता के घर से सकुशल बरामद कर लिया गया। इस ब्लाइंड कैश की गुत्थी सुलझा कर नादान शिशु को माता-पिता को सौंप दिया। आराेपिताें में आस मोहम्मद लंगड़ा पुत्र शुकरू द्दीन, शहनाज पत्नी आस मोहम्मद लंगड़ा, सलमा पत्नी राज, अंचन पत्नी महेंद्र तिवारी, नेहा शर्मा पत्नी अमित शर्मा व शामिल हैं।