दूरदर्शी नेतृत्व के साथ भारत बन रहा ग्लोबल एआई लीडर : वित्त मंत्री

नई दिल्ली{ गहरी खोज } : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत के दूरदर्शी नेतृत्व और प्रगतिशील नीति-निर्माण ने इनोवेशन के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है, जिसके साथ देश टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सेक्टर में ग्लोबल लीडर बनने के लिए अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
अपकमिंग इंडिया एआई इंपैक्ट समिट 2026 के ऑफिशियल प्री-समिट इवेंट ‘भारत एआई शक्ति’ में वित्त मंत्री ने कहा कि भारत एक ऐतिहासिक दौर से गुजर रहा है, जहां शासन और नीतिगत निर्णय पहले से कहीं अधिक तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। वित्त मंत्री ने कार्यक्रम में कहा, “कागज पर कई चीजें रह सकती हैं, लेकिन जब दूरदर्शी नेतृत्व में क्रियान्वयन होता है तो यह वास्तविक बदलाव लाता है। प्रगतिशील नीतियों और गतिशील शासन के बीच यह तालमेल भारत के डिजिटल विकास को गति दे रहा है।”
उन्होंने 2014 से भारत के टेक्नोलॉजी-ड्रिवन ट्रांसफॉर्मेशन को आकार देने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “2014 से आज तक, कई नीति निर्माताओं ने शासन को मजबूत किया है और इनोवेशन के लिए एक इकोसिस्टम तैयार किया है।”
उन्होंने कहा कि एआई जैसी उभरती टेक्नोलॉजी के लिए भारत को ग्लोबल हब बनाने में देश का संस्थागत और नीतिगत ढांचा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने टेक्नोलॉजी आधारित विकास को बढ़ावा देने में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की भूमिका की भी सराहना की और हैदराबाद को एक आईटी हब के रूप में विकसित करने में उनके योगदान पर प्रकाश डाला।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “उनकी दूरदर्शिता और अनुभव के साथ, आंध्र प्रदेश भारत के पहले एआई हब स्थापना के लिए एकदम सही जगह है।” वित्त मंत्री सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र और राज्य सरकारें, दोनों मिलकर काम कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत वैश्विक एआई दौड़ में आगे रहे।
उन्होंने कहा, “भारत आज एक ऐसे दौर में है,जहां नीतियां हमें दूसरों के मुकाबले कई तेजी से आगे बढ़ा रही हैं। इससे राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा हुई है, जो अंततः देश के लिए अच्छा है।” वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इस तरह का सक्रिय शासन भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा। उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, “सक्षम नीतियों और दूरदर्शी नेतृत्व के बिना हम 2047 तक ‘विकसित भारत’ के अपने सपने को साकार नहीं कर सकते। लेकिन आज हमारे पास जो दृष्टिकोण है, उसके साथ हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”