दिल्ली: एआई-आधारित वीडियो से लोगों को फंसाने वाला ‘तांत्रिक’ राजस्थान से गिरफ्तार

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: राजस्थान के झुंझुनू ज़िले का 20 वर्षीय युवक, जो सोशल मीडिया पर खुद को ‘तांत्रिक’ (ओझा) बताकर लोगों को एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) से तैयार वीडियो और तस्वीरों के ज़रिए अपने “अलौकिक शक्तियों” का झांसा देता था, को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने देशभर में 50 से अधिक लोगों को ठगा।
पुलिस ने बताया कि आरोपी राहुल ने सोशल मीडिया पर कई फर्जी अकाउंट और एक वेबसाइट ‘AGHORI_JI_RAJASTHAN’ नाम से बनाई थी, जहां वह खुद को “आध्यात्मिक चिकित्सक” के रूप में प्रचारित करता था। वह दावा करता था कि वह टोटके, तांत्रिक क्रियाओं और काले जादू के ज़रिए लोगों की व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याएं हल कर सकता है।
नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) देवेश महला ने कहा, “आरोपी ने एआई टूल्स की मदद से ऐसे वीडियो और तस्वीरें तैयार कीं जिनमें भूतिया आकृतियाँ और रहस्यमयी अनुष्ठान दिखाए गए थे। इन विज़ुअल्स को वह अपने सोशल मीडिया पेज और वेबसाइट पर डालता था ताकि लोग उसे असली तांत्रिक समझें।”
उसने “ब्रेकअप समस्या समाधान, लव मैरिज, बॉयफ्रेंड कंट्रोल, पारिवारिक विवाद निवारण और बुरी आत्माओं से मुक्ति” जैसी सेवाओं का ऑनलाइन प्रचार किया। डीसीपी के अनुसार, राहुल ने अपनी सोशल मीडिया रीेल्स को प्रमोट करने के लिए पेड विज्ञापनों का इस्तेमाल किया और मुख्य रूप से ऐसे लोगों को निशाना बनाया जो भावनात्मक रूप से कमजोर थे या रिश्तों से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे थे।
पुलिस ने बताया कि आरोपी पीड़ितों से फोन कॉल और चैट के ज़रिए बात करता था, उन्हें डराता था कि उनके घर में भूत-प्रेत हैं या उन पर काला जादू किया गया है। इसके बाद वह “विशेष अनुष्ठानों” के नाम पर पैसे मांगता था, जो यूपीआई और बैंक खातों के ज़रिए वसूले जाते थे। पैसे मिलने के बाद वह पीड़ितों को ब्लॉक कर देता और चैट डिलीट कर देता था।
मामले की जांच तब शुरू हुई जब दिल्ली की एक महिला ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई कि उसे एक ऑनलाइन तांत्रिक ने 1.14 लाख रुपये का चूना लगाया है। उसने पुलिस को बताया कि आरोपी ने उसे डराने के लिए छायादार आकृतियों वाली फर्जी तस्वीरें भेजीं और कहा कि वह “बुरी आत्माओं” को दूर कर देगा।
पुलिस ने धन-लेनदेन के निशान के आधार पर जांच की और आरोपी राहुल व उसके परिवार से जुड़े कई बैंक खातों का पता लगाया। साथ ही, उसके सोशल मीडिया हैंडल से जुड़े मोबाइल नंबर भी उसी के नाम पर मिले। पुलिस ने बताया कि आरोपी लगातार अपना ठिकाना बदलता रहता था ताकि पकड़ा न जाए, लेकिन अंततः उसे 9 अक्टूबर को झुंझुनू से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने कई फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट और वेबसाइट बनाकर लोगों के डर और असुरक्षाओं का फायदा उठाया। उसने बताया कि वह पिछले कई महीनों से यह ठगी कर रहा था और अब तक 50 से अधिक लोगों को निशाना बना चुका है।
पुलिस ने आरोपी के कब्जे से तीन मोबाइल फोन, पांच सिम कार्ड, तीन डेबिट कार्ड, तीन चेकबुक और अपराध में इस्तेमाल की गई फर्जी वेबसाइट बरामद की है। पुलिस अब वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट्स का विश्लेषण कर अन्य पीड़ितों की पहचान करने और यह पता लगाने में जुटी है कि क्या आरोपी के साथ कोई और भी शामिल था।

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