बंगाल में मंत्री सुजीत बोस और उनके बेटे के कारोबार में लगे निवेश की जांच में जुटी ईडी

कोलकाता{ गहरी खोज }: पश्चिम बंगाल के नगर निकाय भर्ती घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब राज्य के अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस और उनके बेटे समुद्र बोस के स्वामित्व वाले कारोबारों में लगे निवेश की जांच शुरू कर दी है। एजेंसी को संदेह है कि वर्ष 2016 से 2020 के बीच इन कारोबारों में लगाई गई पूंजी के स्रोत संदिग्ध हो सकते हैं।
शुक्रवार को ईडी ने मंत्री सुजीत बोस के कार्यालय और उनके बेटे के स्वामित्व वाले एक रेस्टोरेंट पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। सुबह से शुरू हुई यह कार्रवाई देर रात तक चली। इस दौरान अधिकारियों ने कई ऐसे दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनमें कथित तौर पर संदिग्ध लेनदेन और फंडिंग के प्रमाण मिले हैं।
ईडी ने दक्षिण दमदम नगर पालिका के वाइस चेयरमैन तथा सुजीत बोस के करीबी सहयोगी निताई दत्ता के कार्यालय में भी छापेमारी की। वहां से भी कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं। एजेंसी अब दक्षिण दमदम नगर पालिका में की गई करीब 300 नियुक्तियों की जांच कर रही है, जिनमें से कम से कम 29 नियुक्तियां एक ही दिन बिना साक्षात्कार के की गई थीं।
छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री सुजीत बोस ने कहा कि यह कार्रवाई “निरर्थक” है और चुनाव से पहले केंद्रीय एजेंसियों की “रूटीन कवायद” का हिस्सा है। गौरतलब है कि राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।
यह पहली बार नहीं है जब मंत्री सुजीत बोस ईडी के रडार पर आए हैं। जनवरी 2024 में भी एजेंसी ने उनके घर और कार्यालय पर छापेमारी की थी और उस दौरान उनके मोबाइल फोन समेत कई दस्तावेज जब्त किए गए थे।
जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी इसी घोटाले की समानांतर जांच कर रही है और जल्द ही नया आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी में है। सीबीआई सूत्रों ने बताया है कि एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति के बेटे से भी पूछताछ की गई है, हालांकि उसका नाम फिलहाल उजागर नहीं किया गया है।
यह पूरा मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर दर्ज एफआईआर से जुड़ा है, जिसमें अदालत ने कहा था कि भर्ती घोटाला सिर्फ शिक्षकों की नियुक्तियों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य के नगर निकाय स्तर तक फैला हुआ है।