‘जलवायु परिवर्तन के दौर में ग्रीन ग्रोथ हमारा साझा भविष्यः हरिवंश

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक सच्चाई है जो हम सभी को प्रभावित करता है। ऐसे दौर में ग्रीन ग्रोथ हमारा साझा भविष्य है। इसके लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग और साझेदारी करना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमें ग्लोबल साउथ में अपने मित्रों के साथ भी खड़े रहना चाहिए, विशेषकर छोटे द्वीपीय विकासशील देशों के साथ, जो मौसम में बदलाव और उनके समाजों पर इसके प्रतिकूल प्रभावों का सबसे अधिक सामना कर रहे हैं। यहां तक कि समुद्र के स्तर में वृद्धि के कारण उनके अस्तित्व को भी खतरा है। भारत इन छोटे देशों के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर पूरी तरह से सचेत है, जो कॉमनवेल्थ परिवार का एक तिहाई हिस्सा हैं। भारत इन देशों के साथ ग्रीन ग्रोथ और सतत विकास पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य कर रहा है।
ब्रिजटाउन, बारबाडोस में आयोजित 68वें राष्ट्रमंडल सम्मेलन के दौरान ‘द कॉमनवेल्थ – ए ग्लोबल पार्टनर’ विषय पर सीपीए महासभा बहस को संबोधित करते हुए उपसभापति हरिवंश ने जलवायु चुनौतियों के संदर्भ में ग्लोबल साउथ की एकजुटता के महत्व पर बात की और कॉमनवेल्थ एवं विशेष रूप से द्वीप देशों के साथ जलवायु एवं ऊर्जा मुद्दों पर भारत की दृष्टि को रेखांकित किया। उन्होंने सभी के लिए नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु इंटरनेशनल सोलर एलायंस के गठन में भारत की पहल की भी चर्चा की।
हरिवंश ने कोविड महामारी के दौरान दुनिया के 100 से अधिक देशों को दवाइयों और टीकों की आपूर्ति में देश के योगदान को भी याद किया। उन्होंने भारतीय तकनीकी व आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत कॉमनवेल्थ के कई देशों को लाभान्वित करने वाली क्षमता निर्माण पहलों को भी रेखांकित किया। इस कार्यक्रम के तहत अब तक 160 से अधिक देशों के 2,00,000 से अधिक अधिकारियों को नागरिक और रक्षा दोनों क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया गया है। 2014 के बाद से भारत ने अपने प्रमुख संस्थानों में करीब 1,00,000 उच्च स्तरीय क्षमता निर्माण प्रशिक्षण एवं छात्रवृत्तियां प्रदान की हैं।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कर रहे हैं। उपसभापति के साथ डॉ डी. पुरंदेश्वरी, डॉ के. सुधाकर, डॉ अजीत गोपचड़े, डी. रेखा शर्मा तथा विभिन्न राज्यों के पीठासीन अधिकारी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं। लोकसभा एवं राज्यसभा के महासचिव भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।