दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का शुभारंभ ऐतिहासिक पहलः शिवराज सिंह

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नई दिल्ली{ गहरी खोज : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और प्रधानमंत्री धन्य-धान्य कृषि योजना के शुभारंभ को ऐतिहासिक पहल बताया। उन्होंने कहा कि पूसा में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री ने देश के कृषि और संबद्ध क्षेत्रों को बहुमूल्य सौगातें दी। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन — का शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना देश के आकांक्षी जिलों में कृषि उत्थान के लिए 11 मंत्रालयों की 36 उप-योजनाओं को समन्वित करते हुए लॉन्च की गई है, वहीं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन को दालों के बढ़ते उपभोग को ध्यान में रखते हुए देश को दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू किया गया है। शिवराज सिंह शनिवार को कृषि मंत्रालय की दो महत्वपूर्ण योजनाओं के शुभांरभ के लिए पूसा कैंपस में आयोजित समारोह के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 1,100 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इन सब परियोजनाओं के माध्यम से देश को 42,000 करोड़ रुपये से अधिक की निवेश सौगात मिली, जिससे ग्रामीण भारत में अत्याधुनिक कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट्स और वेयरहाउस जैसी सुविधाएं स्थापित होंगी। प्रधानमंत्री ने देशभर के उत्कृष्ट योगदान देने वाले किसानों, किसान उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और तकनीकी नवाचारों वाले किसानों को सम्मानित कर उनकी उपलब्धियों को सामाजिक मान्यता भी दी।
कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि केंद्र सरकार ने यूरिया के बढ़े भाव का बोझ किसानों पर नहीं आने दिया। यूरिया की एक बोरी सिर्फ 266 रुपये में उपलब्ध है और डीएपी की बोरी 1,350 रुपये में उपलब्ध है, जिसमें सरकार भारी सब्सिडी जारी कर रही है। शिवराज सिंह ने यह भी कहा कि कृषि यंत्रों पर जीएसटी घटाकर किसानों को आसान और सस्ता विकल्प उपलब्ध कराया गया है। शिवराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। गेहूं पर 160 रुपये प्रति क्विंटल, चना पर 200 रुपये प्रति क्विंटल, मसूर पर 300 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों पर 250 रुपये प्रति क्विंटल, कुसुम पर 600 रुपये प्रति क्विंटल।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत अब तक 3.90 लाख करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में पहुंचे हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से वर्ष 2024-25 में 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण और 1.62 लाख करोड़ रुपये ब्याज सब्सिडी दी गई है। फसल बीमा योजना ने किसानों को 1.83 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा प्रदान किया।
शिवराज सिंह ने कहा कि देशभर में 52 लाख किसान, एफपीओज के शेयर होल्डर बन चुके हैं, और 1,100 एफपीओ करोड़पति बनकर 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का टर्नओवर दर्ज कर चुके हैं। इन संगठनों के लिए कृषि मंत्रालय निरंतर नवाचार और ब्रांडिंग समर्थन दे रहा है।

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