अंतरिक्ष क्षेत्र ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में प्रमुख इंजन: शुभांशु शुक्ला

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पणजी{ गहरी खोज }: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुँचने वाले पहले भारतीय हैं, ने शुक्रवार को कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र एक “बहुत बड़ा शक्तिशाली इंजन” है जो भारत को ‘विकसित भारत 2047’ के सपने की दिशा में आगे बढ़ाएगा।
शुक्ला, जिन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में 18-दिन की Axiom-4 मिशन के हिस्से के रूप में ISS पर कदम रखा, ने यह बात Council for the Indian School Certificate Examinations (CISCE) के छात्रों को उत्तर गोवा से वर्चुअली संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा, “मुझे पूरा भरोसा है कि अंतरिक्ष एक बहुत बड़ा शक्तिशाली इंजन बनने वाला है जो भारत को विकसित भारत 2047 के सपने की ओर ले जाएगा। मैं इसका हिस्सा बनकर बेहद उत्साहित हूं।” ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने आगे कहा कि भारत ने जो गति बनाई है, वह गगनयान, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चंद्रमा पर उतरने जैसी मिशनों के साथ और तेज होगी।
गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष अभियान है, जबकि भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन इसका नियोजित कक्षीय स्टेशन है। ये दोनों मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा संचालित हैं। शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष परियोजनाएं छोटी नहीं बल्कि अत्यंत जटिल मिशन हैं, और भारत पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का विकास कर इन मिशनों को संभव बनाने का प्रयास कर रहा है।
ISS यात्रा के अनुभव के बारे में उन्होंने बताया, “यह एक बिल्कुल अलग अनुभव था। आप तैयारी करते हैं, लेकिन जब आप जाते हैं, तो यह वास्तव में अलग अनुभव होता है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनका अंतरिक्ष मिशन तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टि से बहुत बड़ा सीखने का अनुभव रहा।

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