भतीजे के आरोपों पर अनु मलिक ने तोड़ी चुप्पी,अब और चुप नहीं रहूंगा

मुंबई{ गहरी खोज }: संगीत जगत में मलिक परिवार के भीतर चल रही तनातनी एक बार फिर सुर्खियों में है। मशहूर संगीतकार अनु मलिक ने हाल ही में अपने भतीजे अमाल मलिक द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर पहली बार खुलकर प्रतिक्रिया दी है। ‘बिग बॉस 19’ के घर में नजर आ रहे अमाल ने अपने चाचा पर पिता दब्बू मलिक के करियर को नुकसान पहुंचाने और 2005 की मुंबई बाढ़ के दौरान उन्हें छोड़ देने का आरोप लगाया था। अब अनु मलिक ने इन बातों पर चुप्पी तोड़ते हुए अपनी सफाई दी है।
इंटरव्यू में अनु मलिक ने अमाल के आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘एक झूठ को हजार बार दोहराने से वह सच नहीं बन जाता। इंसान को हर बात पर ऊर्जा बर्बाद नहीं करनी चाहिए।’ 64 वर्षीय संगीतकार ने आगे बताया कि उनके पिता सरदार मलिक ने हमेशा सिखाया था कि मन में जहर या द्वेष मत पालो, वरना संगीत कभी शुद्ध नहीं रहेगा।
अनु ने कहा, ‘मेरे पिता कहा करते थे- अगर कोई तुम्हें तकलीफ भी दे, तो उसे अपने दिल में मत बसाओ। तुम्हारी असली ताकत तुम्हारी रचनात्मकता है, जिसे कोई छीन नहीं सकता। मैं जब भी दुखी होता हूं, अपने पियानो के पास बैठता हूं और नई धुन बनाता हूं- यही मेरा जवाब होता है दुनिया के लिए।’
पिछले कुछ वर्षों में अनु मलिक कई विवादों में घिरे रहे हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने संगीत को प्राथमिकता दी है। वे इन दिनों एक रोमांटिक फिल्म के गानों पर काम कर रहे हैं। अनु ने बताया, ‘यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जो प्यार और शोहरत के बीच उलझी हुई है। निर्देशक ने मुझसे कहा था कि उन्हें ऐसे गीत चाहिए जो वक्त की कसौटी पर खरे उतरें और वहीं से यह सफर शुरू हुआ।’
बातचीत के अंत में अनु मलिक ने अपने दिल की बात कही। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है, इंडस्ट्री में उन्हें अभी तक उतनी सराहना नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है, मैं थोड़ा कम इस्तेमाल किया गया हूं। मेरे भीतर आज भी अनगिनत धुनें हैं जो दुनिया तक पहुंचनी बाकी हैं।’ अनु मलिक का यह बयान मलिक परिवार में चल रहे मतभेदों के बीच आया है। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम लिए बिना यह स्पष्ट कर दिया कि वे विवादों से ज्यादा अपने संगीत पर ध्यान देना चाहते हैं। अनु मलिक बॉलीवुड के उन चंद संगीतकारों में हैं जिन्होंने 90 के दशक से लेकर आज तक कई सुपरहिट गाने दिए हैं। उनके लिए संगीत महज पेशा नहीं, बल्कि एक साधना है। भले ही रिश्तों की दरारें गहरी क्यों न हों, अनु का मानना है कि संगीत ही वह पुल है जो हर टूटे रिश्ते को जोड़ सकता है।