सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता शत-प्रतिशत हो : मुख्य सचिव श्री जैन

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भोपाल{ गहरी खोज } : मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार सत्र में जोर देकर कहा कि विकसित भारत के रोडमेप में शिक्षा एक मूलभूत मुद्दा है। इसके बगैर विकास के लक्ष्यों को हासिल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाये। शिक्षा में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाये। उन्होंने स्कूलों में नामांकन दर में और सुधार की आवश्यकता बताई। मुख्य सचिव श्री जैन भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन बुधवार को अधिकारियों को राज्य शासन की प्राथमिकताओं की जानकारी दे रहे थे।
सत्र में गुणवत्ता सुधार के लिये शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर दिया गया। दुर्गम क्षेत्रों के सरकारी स्कूल भवन की मरम्मत कार्य में शाला विकास समिति और शिक्षा में रूचि रखने वाले व्यक्तियों की मदद लिये जाने पर बल दिया गया। मुख्‍य सचिव श्री जैन ने निर्देश दिये कि शिक्षा के श्रेष्ठ कौशल रखने वाले शिक्षकों का ग्रुप तैयार कर उनके माध्यम से प्रशिक्षण का निश्चित शेड्यूल तैयार किया जाये। उन्होंने कहा कि बच्चों की ट्रेकिंग का कार्य आंगनवाड़ी से शुरू कर स्कूल की आखरी क्लास तक सतत रखा जाये।
अपर मुख्य सचिव श्री अशोक वर्णवाल और श्री संजय दुबे ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार के संबंध में जनशिक्षकों की भूमिका पर सुझाव दिये।
सत्र की शुरूआत में सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल ने बताया कि विकसित मध्यप्रदेश-2047 के प्रमुख बिन्दु में प्रत्येक बच्चे को उच्च गुणवत्ता, रोजगारोन्मुखी समावेशी और मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करना शामिल है। शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिये सरकारी शिक्षकों के ई-अटेंडेंस ऐप के माध्यम से 100 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। राजगढ़ जिले में ई-अटेंडेंस का प्रतिशत 94 प्रतिशत है। सत्र में बोर्ड परीक्षा परिणाम पर चर्चा करते हुए बताया गया कि वर्ष 2024-25 में 87 प्रतिशत से अधिक बच्चों ने कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा में और कक्षा 12वीं में करीब 83 प्रतिशत विद्यार्थियों ने सफलता हासिल की। सचिव महिला एवं बाल विकास सुश्री जी.वी. रश्मि ने आंगनवाड़ी केन्द्रों में किये जा रहे नवाचारों के बारे में जानकारी दी। आंगनवाड़ी में दर्ज 3 से 6 वर्ष के बच्चों को सिखाने के लिये राष्ट्रीय फ्रेमवर्क आधारशिला तथा 3 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिये नवचेतना फ्रेमवर्क को बनाया गया है।
निपुण भारत मिशन में आंगनवाड़ी केन्द्रों में शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन सुनिश्चित किया जा रहा है। जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव श्री गुलशन बामरा ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा संचालित आश्रम शाला और छात्रावास में 93 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। आश्रम शालाएं, छात्रावास के निरीक्षण के लिये सितम्बर 2025 से परख ऐप लांच किया गया है। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर कक्षा 9 से महाविद्यालयीन स्तर पर छात्रवृत्ति के लिये केन्द्र सरकार ने वन टाइम रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। शाजापुर कलेक्टर ने निपुण भारत मिशन के बेस्ट प्रेक्टिस की जानकारी दी। छतरपुर कलेक्टर ने आदर्श आंगनवाड़ी प्रोजेक्ट, कलेक्टर नीमच ने शासकीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और झाबुआ कलेक्टर ने बेस्ट प्रेक्टिस वीडियो परख की प्रस्तुति दी।

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