क्वांटम कंप्यूटिंग के दौर में प्रणालीगत सुरक्षा के लिए उठा रहे कदमः सेबी प्रमुख

मुंबई{ गहरी खोज }: पूंजी बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बुधवार को कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग की शुरुआत से बड़ी सुरक्षा चुनौतियां उत्पन्न हो सकती हैं और नियामक इसे ध्यान में रखते हुए पहले से ही प्रणाली को सुरक्षित बनाने की तैयारी कर रहा है।पांडेय ने यहां आयोजित ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ को संबोधित करते हुए कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग में ऐसी प्रौद्योगिकी क्षमता है जिससे पासवर्ड जैसे बेहद सुरक्षित माने जाने वाले सुरक्षा तंत्र भी खतरे में पड़ सकते हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि उद्योग समय रहते ‘क्वांटम सुरक्षित’ प्रणाली के लिए तैयार हो। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख ने कहा कि नियामक ने सभी विनियमित हितधारकों की ‘क्वांटम के लिए तैयारी’ सुनिश्चित करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की है। इस योजना के तहत तीन चरणों- खोज, तैयारी एवं क्रियान्वयन के जरिये अगले दो से चार वर्षों में सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा। पांडेय ने कहा, “हम 2028 या 2029 को ध्यान में रखते हुए ‘क्वांटम सेफ’ कंप्यूटिंग को प्राथमिकता दे रहे हैं ताकि उद्योग क्वांटम-सुरक्षित क्रिप्टोग्राफी की दिशा में कदम बढ़ा सके।” क्रिप्टोग्राफी का मतलब किसी संदेश, डाटा या संचार को अनधिकृत व्यक्तियों से सुरक्षित रखने की तकनीक है। उन्होंने कहा कि क्वांटम मैकेनिक्स के सिद्धांतों पर आधारित क्वांटम कंप्यूटिंग पारंपरिक कंप्यूटर की क्षमताओं से कहीं अधिक जटिल समस्याओं को सुलझाने में सक्षम होगी। उन्होंने प्रौद्योगिकी तटस्थता के मुद्दे पर कहा कि अब कागजी रूप में शेयर रखने की व्यवस्था अधिक समय तक संभव नहीं है, क्योंकि पूंजी बाजार पहले ही डिमैट प्रणाली में परिवर्तित हो चुका है। उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी तटस्थता व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। हमें हमेशा उपलब्ध सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी को अपनाना होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह कंप्यूटरों के नेटवर्क को जोड़ने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल जरूरी हैं उसी तरह प्रौद्योगिकी में मानकीकरण की जरूरत होती है। पांडेय ने कहा, “एक नियामक के तौर पर मेरा मानना है कि हमें न केवल अपने हित में बल्कि निवेशक समुदाय के हित में भी नई प्रौद्योगिकी को अपनाना और उसे बढ़ावा देना चाहिए।”