देश की महत्वकांक्षा अब 5जी से आगे, ध्यान अब 6जी एवं उपग्रह संचार पर: सिंधिया

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कहा कि भारत की महत्वाकांक्षाएं 5जी तक ही नहीं है बल्कि अब ध्यान 6जी एवं उपग्रह संचार पर है। लक्ष्य 6जी पेटेंट का 10 प्रतिशत हासिल करना है। सिंधिया ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 में अपने संबोधन में कहा कि भारत आज वैश्विक मंच पर एक डिजिटल अगुवा के रूप में उभर रहा है। मंत्री ने भारत के एक आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ वह दिन दूर नहीं जब लोग कहेंगे कि दुनिया, भारत पर निर्भर है। ’’ मंत्री ने कहा, ‘‘ मैं आज आप सभी से अपील करता हूं कि यहां तैयार करें, यहां समाधान करें…भारत नवोन्मेष करता है और दुनिया बदलती है।’’
उन्होंने कहा कि उपग्रह संचार में आज विस्तार हो रहा है, जमीन से समुद्र एवं अंतरिक्ष तक संपर्क सुविधा को आगे बढ़ा रहा है। सिंधिया ने कहा, ‘‘ दूरसंचार और प्रसारण क्षेत्र में आज उपग्रह संचार बाजार करीब चार अरब डॉलर का है, जो 2033 तक तीन गुना बढ़कर लगभग 15 अरब डॉलर हो जाएगा। इस पूरी क्रांति के केंद्र में हमारे लोग हैं… आने वाले दिनों में भारत, दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल रूप से कुशल ताकत बनने जा रहा है।’’ सिंधिया ने कहा कि भारत की महत्वाकांक्षा 5जी से भी आगे तक फैली हुई है। भारत 6जी गठबंधन का लक्ष्य 10 प्रतिशत पेटेंट हासिल करना है। 6जी के लिए मानक तय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज एक उत्पाद बनाने वाला देश है, न कि केवल सेवा उपलब्ध कराने वाला राष्ट्र।
सिंधिया ने कहा, ‘‘ पीएलआई योजना (उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना) के साथ प्रधानमंत्री के संकल्प के परिणामस्वरूप आज लगभग 91,000 करोड़ रुपये का नया उत्पादन हुआ। 18,000 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ और 30,000 नए रोजगार सृजित हुए हैं।’’

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