इंडिया मोबाइल कांग्रेस में भारत निवेश, नवाचार और निर्माण के लिए सबसे बेहतर स्थान :प्रधानमंत्री

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) का उद्घाटन करते हुए कहा कि आज भारत निवेश, नवाचार और निर्माण के लिए सबसे बेहतर स्थान है। भारत का लोकतांत्रिक ढांचा, सरकार की अनुकूल सोच और बिजनेस के लिए जरूरी माहौल ने देश को निवेश-हितैषी गंतव्य बना दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यशोभूमि, नई दिल्ली में एशिया के सबसे बड़े दूरसंचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी कार्यक्रम, इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 के 9वें संस्करण का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडिया मोबाइल कांग्रेस अब केवल मोबाइल या टेलीकॉम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एशिया का सबसे बड़ा टेक्नोलॉजी फोरम बन गया है। इस मंच को भारत के टेक-सेवी माइंडसेट ने तैयार किया है। युवाओं ने इसका नेतृत्व किया है और इनोवेटर व स्टार्टअप्स ने इसे गति दी है। आईएमसी की सफलता आत्मनिर्भर भारत के विजन की ताकत को दर्शाती है। मोदी ने बताया कि सरकार ‘टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड’ और ‘डिजिटल कम्युनिकेशन इनोवेशन स्क्वायर’ जैसी योजनाओं के ज़रिए स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता दे रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी भारत में नई तकनीक आने में सालों लग जाते थे लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। आज देश के हर जिले में 5जी सेवा पहुंच चुकी है। साल 2014 की तुलना में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन छह गुना, मोबाइल निर्माण 28 गुना और निर्यात 127 गुना बढ़ा है। उन्होंने बताया कि भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलीकॉम और 5जी बाजार बन गया है।
प्रधानमंत्री ने तकनीक के क्षेत्र में भारत की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे पास मैनपावर, मोबिलिटी और माइंडसेट तीनों हैं। भारत में न केवल स्केल है, बल्कि स्किल भी है। आज 1जीबी डेटा की कीमत एक कप चाय से भी कम है। उन्होंने कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी अब विलासिता नहीं बल्कि लोगों के जीवन का आवश्यक हिस्सा बन चुकी है।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित आईएमसी 2025 का आयोजन 8 से 11 अक्टूबर तक इनोवेट टू ट्रांसफॉर्म विषय के अंतर्गत किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में 150 से ज़्यादा देशों से 1.5 लाख से ज़्यादा आगंतुक, 7,000 से ज़्यादा वैश्विक प्रतिनिधि और 400 से ज़्यादा कंपनियां भाग ले रही हैं।

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