कार्तिक मास में दीप दान कैसे करें, इसका महत्व क्या है? जानें कैसे राजसी सुख से है इसका संबंध

धर्म { गहरी खोज } :हिंदू धर्म में सभी महीने की अपनी एक खासियत होती है। इन्हीं में से एक है कार्तिक मास, जो बहुत ही पवित्र महीना माना जाता है। शास्त्रों में लिखा गया है कि यही वह पावन महीना होता है, जब भगवान विष्णु अपनी योग निद्रा से 4 माह बाद जागते हैं।
कार्तिक माह को त्योहारों का महीना भी कहा जाता है, क्योंकि करवा चौथ, दीवाली पूजन और छठ पूजा जैसे महापर्व इसी महीने में पड़ते हैं। ऐसे में इस पूरे मास में दीपदान का बहुत महत्व माना जाता है। ऐसा मान्यता है कि नियमपूर्वक दीपदान करने से जातक पर श्री हरि विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है।
कार्तिक माह की शुरुआत
शास्त्र कहते हैं कि कार्तिक मास में दीपदान करने से अक्षय पुण्य मिलता है और व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की शुरुआत आज, 8 अक्टूबर 2025, बुधवार से हो रही है। इस पवित्र महीने की समाप्ति 5 नवंबर 2025 को होगी।
कार्तिक मास में दीपदान का विशेष महत्व
कार्तिक मास में दीपदान को बेहद ही शुभ फल देने वाला माना गया है। इस पवित्र मास में रोजाना सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके नदी या तालाब में दीपदान करने से विशेष पुण्य मिलता है। संध्या के समय घर के मुख्य द्वार, तुलसी के पौधे और मंदिरों में दीप जलाने से अज्ञान का अंधकार दूर होता है और ज्ञान का प्रकाश फैलता है। शास्त्रों के अनुसार, इस मास में जलाया गया एक दीप सहस्र दीपों के बराबर फल देता है।
कार्तिक माह में दीपदान करने की विधि
कार्तिक माह में किए गए दीपदान को धन प्राप्ति और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना गया है। इस महीने में दीपदान करने के लिए रोज सुबह किसी पवित्र नदियों में सूर्योदय से पहले स्नान करने का महत्व है, लेकिन अगर आपके घर के आसपास कोई नदी नहीं है, तो घर पर स्नान करें। स्नान से पहले पानी में में गंगाजल मिला लें।
वैसे तो स्नान के बाद ही नदी या तालाब के किनारे या घट पर दीपक जलाकर ईश्वर का स्मरण किया जाता है। लेकिन अगर आप घर पर स्नान करते हैं, तो घर के मंदिर और तुलसी जी के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके साथ ही एक दीपक जलाकर अपने घर के आंगन या मुख्य द्वार पर भी रखें। ऐसा करने से आपके घर में सदैव धन की देवी माता लक्ष्मी वास करती हैं और व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं।