रेलवे की 894 किमी लंबी चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी

0
94ad36b5b3f50073333689048402410a

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केन्द्र सरकार ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों से होकर गुजरने वाली चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इससे भारतीय रेल नेटवर्क में 894 किलोमीटर का इजाफा होगा। परियोजना पर 24,634 करोड़ रुपये (लगभग) की लागत आयेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज रेल मंत्रालय की चार परियोजनाओं को मंजूरी दी। ये परियोजनाएँ हैं – वर्धा – भुसावल – तीसरी और चौथी लाइन – 314 किलोमीटर (महाराष्ट्र)। गोंदिया – डोंगरगढ़ – चौथी लाइन – 84 किलोमीटर (महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़)। वडोदरा – रतलाम – तीसरी और चौथी लाइन – 259 किलोमीटर (गुजरात और मध्य प्रदेश)। इटारसी – भोपाल – बीना चौथी लाइन – 237 किलोमीटर (मध्य प्रदेश)।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कैबिनेट के फैसले के बारे में राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना लगभग 85.84 लाख की आबादी के लगभग 3,633 गाँवों और दो आकांक्षी जिलों (विदिशा और राजनांदगांव) तक कनेक्टिविटी बढ़ाएगी।
उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएँ पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुसार बनाई गई हैं। इनका उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारकों के परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है। ये परियोजनाएँ लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी। परियोजना खंड सांची, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, भीमबेटका की शैलाश्रय, हजारा जलप्रपात, नवेगाँव राष्ट्रीय उद्यान आदि जैसे प्रमुख स्थलों के लिए रेल संपर्क भी प्रदान करेगी। इससे देशभर से पर्यटक यहां आकर्षित होकर आयेंगे।
वैष्णव ने कहा कि यह कोयला, कंटेनर, सीमेंट, फ्लाई ऐश, खाद्यान्न, इस्पात आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए एक आवश्यक मार्ग है। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 78 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) का अतिरिक्त माल यातायात होगा। रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन साधन होने के कारण, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (28 करोड़ लीटर) को कम करने और सीओ2 उत्सर्जन (139 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा। यह छह करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *